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आज की बॉलीवुड फिल्मों और 90 के दशक में बनी फिल्मों में एक बड़ा अंतर है। उस वक्त की ज्यादातर फिल्मे ड्रामा बेस्ड हुआ करती थी। जिसमें एक अमीर विलेन होता था और हीरो गरीब हुआ करता था, लेकिन वो अपने टैलेंट से या तो विलेन की बेटी से इश्क कर लेता था या फिर विलेन के कारोबार को नुकसान पहुंचा दिया करता था। धौंसदार विलेन के खतरनाक बॉडी वाले बॉडीगार्ड्स हुआ करते थे।इन्हीं गुर्गे का सेट रोल करने वाले थे गैविन पैकर्ड, गोरे चिट्टे शरीर वाले गैविन उस वक्त की फिल्मी दुनिया के इक्का दुक्का बॉडी बिल्डरों में से एक हुआ करते थे।
अपने खतरनाक लुक्स की वजह से उस वक्त की हर तीसरी फिल्म में दिख जाया करते थे। गीले और घुंघराले बॉलों के साथ शर्टलेस गैविन को हमने कई फिल्मों में नोटिस किया है। लेकिन ग्लैमर की चकाचौंध में वो धीरे-धीरे गायब होते चले गए। फिल्मी पर्दे पर वो आखिरी बार साल 2002 में दिखाई दिए थे।
साल 2002 के बाद पैकर्ड का अपनी वाइफ से डिवोस हो गया। उसके बाद से गैविन काफी बीमार रहने लगे। जिसको देखते हुए वो अपने छोटे भाई के यहां शिफ्ट हो गए। साल 2012 में सांस की बीमारी की वजह से गैविन की मौत हो गए। अपने वक्त में गैविन सुनील शेट्टी, संजय दत्त और अक्षय कुमार जैसे स्टार्स के साथ काम करते थे लेकिन जब अंतिम वक्त में वो बीमार थे उनकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आया, यहां तक की उनके अंतिम संस्कार से भी बॉलीवुड नदारद दिखा था।
जिस वक्त में फिल्मी पर्दे के लोग शरीर से ज्यादा शकल पर ध्यान दिया करते थे तब गैविन अपनी कसी हुई बॉडी के लिए जाने जाते थे। त्रिदेव, सड़क, चमत्कार, आंखें, मोहरा और करण जौहर जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में काम किया था गैविन ने, आयरिश मूल के गैविन यूएस आर्मी के मेंबर के तौर पर आए थे और बाद में यहीं बस गए थे।