विस्तार
ये बात उन दिनों की है, जब इंटरनेट ने अपने पैर नहीं पसारे थे। हर शाम टीवी के आगे बैठकर इन सीरियल्स को शुरू से अंत तक देखने का उत्साह अलग ही था।
90 के दशक के सीरियल्स शानदार थे। वो आज भी न सिर्फ हमारे दिल के करीब हैं, बल्कि हमारी जिंदगी से भी खासे जुड़े हुए हैं। आज के सीरियल बिना थीम सॉन्ग के ही शुरू हो जाते हैं, मगर उस समय थीम सॉन्ग की अहमियत तो दर्शक ही जानते थे। चलिए आज हम आपको लेकर चलते हैं, 90 के दशक में जहाँ टीवी से जुड़ी कुछ यादें आज भी मौजूद हैं।
श्रीमान श्रीमती
बेहतरीन स्टोरी और बेमिसाल कॉमेडी से भरा यह सीरियल आज भी जहन में ताजा है।
देख भाई देख
हम खुद ‘दीवान’ परिवार से इतना जुड़ गए थे, कि खुद को उस परिवार का हिस्सा ही मानते थे।
हम पाँच
सीधीसादी और भोंदू राधिका माथुर का रोल निभाने वाली लड़की विद्या बालन बन जाएगी, किसने सोचा था।
जस्ट मोहब्बत
टीवी से हमें चिपकाए रखने वाला यह शो आज भी उतना ही याद आता है। यादों में ‘जय’ आज भी उतना ही जवां है।
हिप-हिप हुर्रे
बड़े होकर स्कूल में सीनियर बनने का जोश ही इतना था कि इस सीरियल का एक भी एपिसोड मिस नहीं करना चाहते थे।
हसरतें
उस जमाने के सबसे बोल्ड शो में से एक हसरतें में नायिका शादी के बाहर प्यार ढूंढती है।
सुरभी
इस शो के थीम सॉन्ग का संगीत ही इतना मधुर था, कि हम उत्साह से भर जाया करते थे।
ब्योमकेश बक्शी
ब्योमकेश बक्शी भारत के अपने शेरलॉक होम्स थे। उस टाइम CID नहीं था न..
चंद्रकांता
चंद्रकांता ने प्यार, वार, षड्यंत्र और जादू हमारी कल्पना को नया आयाम दिया।
फ्लॉप शो
दिवंगत कॉमेडी किंग जसपाल भट्टी का यह शो पूरा परिवार साथ बैठकर देख सकता था।
आहट
हॉरर शो आहत देखने के बाद हमें मम्मी के साथ सोने का एक और बहाना मिल जाता था।
पल छिन
नए और पुराने, सही और गलत, अच्छे और बुरे की बीच की मनोरंजक तकरार कौन भूल सकता है भला।
मालगुड़ी डेज
मशहूर लेखक आर. के. नारायण की कहानियों पर आधारित यह शो गर्मियों की छुट्टियों में सबने बहुत देखा होगा।
वो
क्या आपको इसका थीम सॉन्ग याद है? कितना डरावना और भयानक था न...
अलिफ लैला
अफगानी और अरब दनिया की जादुई कहानियों पर आधारित यह जादुई शो बहुत अलग था।
राजा और रैंचो
एक डिटेक्टिव और उसके असिसटेंट बंदर के बीच की कैमिस्ट्री देखने लायक थी। कौन सोच सकता था, बंदर भी जासूस हो सकता है।
तू-तू, मैं-मै
सास बहू की खट्टी-मिट्ठी तकरार का यह शो हमेशा याद आता है। सचिन पिलगांवकर का एक्शन याद है?
डक टेल्स
काल्पनिक दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति अंकल स्क्रूज और उनके तीन भतीजो पर बना यह शो कितना रोमांचक है।
शक्तिमान
भाई संडे तो फ्री रखना है। शक्तिमान देखने के लिए तो भाई-बहन, दोस्त, मोहल्ला सब टीवी के सामने बैठ जाते थे।
महाभारत
बी. आर. चोपड़ा का यह शो आज भी उतना ही शानदार लगेगा, जितना उस समय में था। सबसे बेहतरीन शो में से एक।
तो कितनी सारी पुरानी शामें, मजेदार पल, दोस्त, आपकी आंखों के आगे गुजर गए... कितनी यादें ताजा हो गईं। अब अगर अब भी मजा न आया हो तो आपके पैसे वापस ! ...पर हमने लिए ही कब थे :)