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आईपीएस रूपा डी मुद्गिल का नाम तो आपने सुना ही होगा.... नहीं.... तो शायद आप उन्हें नाम से नहीं पहचानें, लेकिन इस बात से जरूर पहचानेंगे कि उन्होंने कर्नाटक की जेल में बंद शशिकला को जेल प्रशासन द्वारा घूस लेकर तमाम सुविधाएं दिए जाने का मुद्दा उठाकर पूरे देश में खलबली मचा दी थी।
जी हां.. वही महिला आईपीएस अफसर रूपा डी मुद्गिल एक बार फिर चर्चा में हैं, इस बार चर्चा उनके उस भाषण की हो रही है जिसमें उन्होंने अपनी 17 साल की नौकरी में 17 से ज्यादा ट्रांसफर और राजनीतिक भ्रष्टाचार से लड़ने के दौरान आने वाली कठिनाइयों का जिक्र किया है।
रूपा ने पूरी बेबाकी से बताया कि कैसे नौकरी के दौरान एक आईपीएस अधिकारी को राजनीतिक भ्रष्टाचार और तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए अपनी नौकरी का निर्वहन करना पड़ता है, खासकर महिला अधिकारियों के लिए तो चुनौतियां और कड़ी हो जाती हैं। बता दें कि रूपा मुद्गिल की ईमानदारी की चर्चा कर्नाटक की नौकरशाही के अलावा देश की आईपीएस लॉबी में भी होती है।
इसी कारण अपनी 17 साल की नौकरी में रूपा ने तमाम मुश्किलों से जूझते हुए भी अपनी ईमानदार साख को शानदार तरीके से बचाए रखा है।
रूपा पिछले साल उस समय चर्चाओं में आ गई थीं जब जुलाई महीने में उन्होंने डीआईजी जेल रहते हुए बेंगलूरू की अग्रहारा सेंट्रल जेल में तत्कालीन एआईएडीएमके प्रमुख वी के शशिकला को रिश्वत देकर जेल में वीआईपी सुविधाएं मिलने का मुद्दा उठाया था।
रूपा ने इस मुद्दे पर राज्य के जेल महानिदेशक एचएन सत्यनारायण राव को भी लपटेते हुए 2 करोड़ की रिश्वत में से हिस्सा लिए जाने का सीधा आरोप लगाया था।
रूपा ने खुलासा किया था कि कैसे रिश्वत के दम पर शशिकला जेल में मौज काट रही हैं, उनके अलावा इसी जेल में बंद स्टांप घोटाले का मुख्य आरोपी अब्दुल करीम तेलगी भी जेल में मजे मार रहा है। हालांकि रूपा के आरोपों के बाद उनका तबादला कर उन्हें रोड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट में भेज दिया गया था।
कर्नाटक के राजनीतिक और नौकरशाही के हलके में रूपा को बहुत ईमानदार और सीधे अधिकारियों से टकराने वाली अधिकारी के तौर पर जाना जाता है। कुछ दिन पहले उनकी कर्नाटक के भाजपा सांसद प्रताप सिन्हा पर लिखी फेसबुक पोस्ट भी काफी पसंद की गई थी। जिसमें उन्होंने सांसद पर अधिकारियों के काम में हस्तक्षेप का आरोप लगाया था।
हालांकि जल्द ही फेसबुक ने उनकी पोस्ट हटा दी थी। नए साल में रूपा एक बार फिर चर्चा में हैं अपने उस भाषण को लेकर जिसमें उन्होंने अपनी 17 साल की नौकरी के दौरान की तमाम कठिनाइयों और चुनौतियों का जिक्र किया है।
सोशल मीडिया पर उस भाषण का वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसमें वह बता रही हैं कि कैसे अपनी नौकरी के शुरूआती दौर में ही एक जिले का एसपी बनते ही उन्हें राज्य की मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने का आदेश कोर्ट से प्राप्त हुआ। इसके बाद उन्हें किन किन चुनौतियों से जूझना पड़ा... और कैसे उन्होंने इससे पार पाते हुए अपनी ईमानदारी और निष्ठा बचाए रखी। आप भी सुनिए पूरा भाषण....