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चंगेज खान का नाम हम सबने सुना है और इस बर्बर लड़ाके की क्रूरता और युद्ध कुशलता के किस्से-कहानियों से इतिहास भरा पड़ा है। 13 वीं और 14 वीं सदी में विशाल साम्राज्य खडा करने वाला मंगोल शासक चंगेज खान इतिहास का ‘सबसे बड़ा’ हमलावर था। इस क्रूर मंगोल योद्धा ने अपने हमलों में इस कदर खूनखराबा किया कि बडी आबादी का सफाया हो गया। आइए जानते हैं इसकी क्रूरता से जुड़े कुछ किस्से।
चंगेज खान मंगोलियाई नाम चिंगिस खान था।उसने मंगोल साम्राज्य के विस्तार में एक अहम भूमिका निभाई। वह अपनी संगठन शक्ति, बर्बरता तथा साम्राज्य विस्तार के लिए प्रसिद्ध हुआ। इससे पहले किसी भी यायावर जाति के व्यक्ति ने इतनी विजय यात्रा नहीं की थी।
चंगेज खान का जन्म 1162 के आसपास आधुनिक मंगोलिया के उत्तरी भाग में ओनोन नदी के निकट हुआ था।
चंगेज खान की दांयी हथेली पर पैदाइशी खूनी धब्बा था, जिसे देख भविष्यवक्ताओं ने कहा था की ये बहुत बड़ा शासक बनेगा। उसका प्रारंभिक नाम तेमुजिन (या तेमूचिन) था। मंगोल भाषा में तिमुजिन का मतलब लौहकर्मी होता है। उसकी माता का नाम होयलन और पिता का नाम येसूजेई था।
अपनी पत्नी को छुडाने के लिए उसे कई लड़ाइयां लड़नी पड़ी थी।
येसूजेई ने विरोधी कबीले की होयलन का अपहरण कर विवाह किया था। लेकिन कुछ दिनों के बाद ही येसूजेई की हत्या कर दी गई। बारह वर्ष की आयु में तिमुजिन की शादी बोरते के साथ कर दी गयी। इसके बाद उसकी पत्नी बोरते का विवाह के बाद ही अपहरण हो गया था।
चंगेज खान ने अपनी तलवार के दम पर समूचे एशिया को जीत लिया था।
वो भारत भी आया, लेकिन सिंधु नदी के तट से दिल्ली के सुल्तान इल्तुमिश के हार मानने के बाद वापस लौट गया। उसकी योजना थी कि वो भारत को रौंदते हुए भारत के बीच से गुजरे और असम के रास्ते मंगोलिया लौट जाए। लेकिन बीमार होने की वजह से वो सिंधु को पार कर उत्तर की ओर ही लौट गया।
उसने ईरान की तीन चौथाई आबादी का खात्मा कर दिया था।
कुछ इतिहासकारों का मानना है कि चंगेज के हमले के समय जितनी आबादी पूरे ईरान की थी, उतनी आबादी वापस होने में 750 सालों का लंबा समय लगा। ऐसे में ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि चंगेज खान कितना क्रूर और निर्दयी था।
क्रूर योद्धा चंगेज खान ने अपने जीवन भर की लड़ाइयों में लाखों लोगों को मौत के घाट उतार दिया।
उसकी निर्दयता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता था कि वो जिधर से निकलता, वहां थोड़ा सा भी विरोध होने पर आस-पास के इलाकों को भी खून से लथपथ कर देता था। उसकी इसी निर्दयता के कारण पश्चिम एशिया तक के राजाओं ने उसके सामने हार मान ली।
तेमुजिन की अधीनता स्वीकार करने के बाद तमाम कबीलों के राजाओं ने उसे चंगेज खान (समुद्रों के राजा) की उपाधि दी।
चंगेज खान ने ही प्रसिद्ध मंगोल साम्राज्य की नींव डाली। जिसका पूरी दुनिया के 22 फीसदी इलाके पर कब्जा था। अपने जीवन का अधिकांश भाग युद्ध में व्यतीत करने के बाद सन् 1227 में उसकी मृत्यु हो गई।
एक अनुमान के मुताबिक उसने 4 करोड़ लोगों को मौत के घाट उतार दिया।
चंगेज खान के बारे में एक बात और उल्लेखनीय है, और वो है चीन की दीवार को पार कर बीजिंग को लूटना और अपने जीवन के आखिरी समय में इस्लाम धर्म को स्वीकार करना। चंगेज खान पश्चिमी एशिया विजय के दौरान इस्लाम के संपर्क में आया और उसने इस्लाम स्वीकार कर लिया।