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देश कोई भी हो, दुनिया की चुनौतीपूर्ण नौकरियों में सबसे पहला नाम सेना का ही आता है। अपने देश के लोगों की जान की सलामती के लिए ये जवान न मौसम देखते हैं, न माहौल। न दिन देखते हैं न रात। हंसते-हंसते मुस्कुराते हुए घंटों ठिठुरती ठंड में खड़े रहते हैं। बिना एसी, बिना पंखे के चिलचिलाती धूप में चहलकदमी करते हैं। सेना के जवानों का शरीर हर परिस्थिति में यूं ही नहीं मुस्तैदी से खड़ा रहता है। इसके पीछे एक लंबी ट्रेनिंग होती है। जो जवान को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करती है। एक जवान की जिंदगी का सबसे कठिन दौर होता है क्योंकि यह वो वक्त होता है, जब उसका शरीर साधारण परिवेश से निकलकर असाधारण बन रहा होता है।
आज आपको दुनिया के तमाम उन देशों की मिलिट्री ट्रेनिंग के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनको जानने के बाद आपके होश उड़ जाएंगे। अपने देश की आर्मी के साथ-साथ अन्य देशों के जवानों के प्रति भी दिल में इज्जत बढ़ जाएगी।
सबसे पहले बात करते हैं रूस के मिलिट्री ट्रेनिंग की। यहां जवानों को आत्मविश्वास से भरने के लिए एक खास तरह की ट्रेनिंग दी जाती है। उन्हें बुलेट को अपने सीने पर खाना होता है। इसके दौरान कई जवान घायल भी होते हैं। अंदर वो बुलेट प्रूफ जैकेट पहने होते हैं, फिर भी ये एक्सरसाइज आसान नहीं।
यूरोप के बेलारूस में जवानों को मिलिट्री ट्रेनिंग के दौरान जलती हुई लकड़ियों के ऊपर से गुजरने वाली रस्सी या चेन पर चलकर निकलना होता है। यही नहीं नीचे से गोलियां भी चलती रहती हैं, जिससे बचकर इस रस्सी को पार करना पड़ता है।
साउथ कोरिया और चीन जैसे देशों में कितनी ठंड होती है, आपको अंदाजा होगा ही। ऐसे देशों में मिलिट्री ट्रेनिंग के दौरान जवानों को बर्फ में कुश्ती लड़नी होती है। यहां तापमान माइनस तीस डिग्री के भी नीचे पहुंच जाता है।
यूएस नेवी में जवानों को पानी के अंदर खड़े होकर तैरना होता है। तस्वीर जैसे ही उनके हाथों और पैरों को बांध दिया जाता है। ये ट्रेनिंग उन्हें पांच से दस बार लेनी ही पड़ती है। जिस पूल में उन्हें डाला जाता है वो नौ फीट गहरी होती है।
फिलीपीन के नेवी सील का हील वीक। एक ऐसा हफ्ता होता है जिसमें जवानों को दिन और रात मिलाकर बस एक घंटे सोने को मिलता है। इसके साथ ही उन्हें लगातार ट्रेंनिंग करनी पड़ती है। इसमें टारगेट शूटिंग, छह मीलों की दौड़ और 18 मीलों की स्विमिंग भी शामिल है।
यूएस मरीन की ट्रेनिंग। इन्हें थाइलैंड के जंगलों में जाकर ग्यारह दिनों की कड़ी ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है। उन्हें कोबरा का खून पीना पड़ता है, स्कॉरपियो खाने होते है आदि।
सर्फ कंडिशनिंग। नेवी सील की ऐसी ट्रेनिंग जहां जवानों को एकद-दूसरे के बाजूओं को पकड़कर सागर किनारे लेटना होता है। इस दौरान पानी की लहरें, लोगों का आना-जाना, जानवरों को अपने आस-पास घूमना सभी कुछ बिना हिला-ढुले झेलने पड़ता है।
ताइवान मरीन्स में ट्रेनिंग का नौवां हफ्ता काफी अहम होता है। इन्हें एंमफीगियस ट्रेनिंग प्रोग्राम के दौरान पत्थरो से भरे हुए पचास मीटर के रास्ते पर अर्ध-नग्न होकर रेंगना पड़ता है।