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कहते हैं कि इंसान गलतियों का पुतला होता है। कोई कितनी भी कोशिश करे सामने वाला कोई न कोई कमी निकाल ही लेता है। कोई अच्छा दिखता नहीं है तो किसी की बाते पसंद नहीं आती। आचार, विचार या फिर प्रकार... कोई न कोई परेशानी होती है। दुनिया में चुनिंदा लोग ही ऐसे हैं, जिनका नाम हर किसी को प्यारा होता है। भारत की भी कुछ शख्सियत इस कैटेगरी में आती हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में...
कलाम साहब भारत की ऐसी शख्सियत हैं जिन्हें बच्चा, बूढ़ा और जवान, हर कोई पसंद करता है। किसी भी वर्ग, किसी भी धर्म या किसी भी स्तर का शख्स हो, कलाम साहब का नाम सुनकर हर किसी का सर फक्र से ऊंचा हो जाता है।
वैसे तो क्रिकेट के भगवान का खिताब सचिन तेंदुलकर के नाम है लेकिन ऐसे लोगों की संख्या भी बड़ी है जो सचिन को ओवररेटेड खिलाड़ी मानते रहे। खुद भले अपने काम में ईमानदार न हों लेकिन जैसे ही सचिन आउट होता था, इनके मुख से स्वर फूट पड़ते थे। आलोचना पूर्व भारतीय खिलाड़ी राहुल द्रविड़ की भी होती है लेकिन ऐसे लोगों की संख्या कम रही।
जय जवान और जय किसान का नारा देने वाले लाल बहादुर शास्त्री जैसी शख्सियत की कमी निकालने वाले आपको शायद ही मिलेंगे। उनकी सादगी की मिसाल आज तक दी जाती है और उम्मीद है कि आने वाले समय में भी उनकी जैसी शख्सियत कोई नहीं मिलेगा।
कलम के सिपाही कहे जाने वाले प्रेम चंद ने अपनी लेखनी से जिस तरह से समाज का चित्रण किया है वह उल्लेखनीय है। जब दुनिया में इंटरनेट नाम की चिड़िया नहीं थी, जब गूगल नाम के जिन्न के बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था तो प्रेम चंद अपनी कलम से किताब के पन्नों में सारे विश्व की व्यवहारिकता का चित्रण कर दिया करते थे। इस कलमकार के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने वाले आपको दिया लेकर ढूंढने पड़ेंगे।
भगत सिंह जैसी शख्सियत न तो धरती पर थी, न है और शायद न कभी हो पाएगी। उनके नाम पर आज तक राजनीति चमकाई जा रही है, राजनीतिक दल तो छोड़िए पाकिस्तान उन्हें अपना बताने की कोशिश करने लगा था। भगत सिंह से नाराज लोगों की संख्या लगभग नगण्य ही मानी जाती है।