आपको बता दें मोतिलाल दायमा को मात्र 17,050 रूपए ही सैलरी के तौर पर मिल पाते हैं, जबकि उनकी डाइट और बॉडी-बिल्डिंग में लगने वाला खर्चा ही 50 हज़ार से ज्यादा का होता है। उसके बावजूद मोतिलाल ने कमाल की फ़िज़ीक बनाई है। “मेरी डाइट को पूरा करने के लिए मेरी माँ ने अपने ग़हने गिरवी रखे हैं और मेरे पिता ने अपनी ज़मीन और विजय नगर में स्थित हमारा घर गिरवी रखा हुआ है”।अमुमन तो हमारे यहां के पुलिस वाले भाईसाहब तोंद निकाले हुए ही मिलते हैं, लेकिन मोतिलाल दायमा जो कि इंदौर में पुलिस कॉन्सटेबल हैं उन्होंने 'मिस्टर इंदौर कॉम्पिटीशन' चार बार जीता है और अब वो मिस्टर इंडिया का खिताब अपने नाम करना चाहते हैं।
मोतिलाल ने 2012 में पुलिस डिपार्टमेंट इस आशा के साथ जॉइन किया था कि पुलिस डिपार्टमेंट या मध्यप्रदेश सरकार एक न एक दिन उनकी मदद करेगी और वो मिस्टर इंडिया का खिताब अपने नाम कर सकें।
“पुलिस डिपार्टमेंट ने ऑफिशियली तौर पर मेरी किसी भी प्रकार से सहायता नहीं की”, “दो आईपिएस पुलिस ऑफिसर्स ने 2 लाख रूपये देकर मेरी मदद ज़रूर की, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार ने कभी भी मेरी सहायता नहीं की, कुछ पॉलिटीशियन और ऑफिशर्स ने मदद करने का वायदा तो किया, लेकिन कभी मदद नहीं की”आइए बताते हैं अपने सपने को लेकर क्या कहना है मोतिलाल का “ ज़रूरत पड़ने पर मैं अपने आप को बेचकर भी एक दिन इंटरनेशनल कॉम्पिटीशन ज़रूर जीतूंगा। फिलहाल मेरा सारा ध्यान अगले साल होने वाली बॉडी-बिल्डिंग चैम्पियनशिप पर, आशा करता हूं इसके जीतने के बाद सरकार मेरी कुछ मदद कर दें”।
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