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राहुल द्रविड़ जैसा शांत क्रिकेटर मिलना बहुत मुश्किल है। इन्होंने हमेशा लोगों को प्रेरणा दी है। बात चाहे फ़ील्ड की हो या फ़ील्ड के बाहर की, ये शुरू से ही लोगों को प्रभावित करते आए हैं। इनके खेल में भी एक संजीदगी नज़र आती है। हाल ही में उनके एक निर्णय ने सभी को हैरान कर दिया है।
राहुल द्रविड़ ने डॉक्टर की उपाधि लेने से इनकार कर दिया है। इसके पीछे उन्होंने जो कारण दिया है उसको जानकार उनके प्रति आपके मन में सम्मान और अधिक बढ़ जाएगा। एक तरफ़ लोग जहां समय से पहले ही मशहूर हो जाना चाहते हैं वहीं राहुल इस तड़क-भड़क से कोसों दूर हैं।
राहुल का कहना है कि उनकी मां और पत्नी ने इस मुकाम को हासिल करने के लिए बहुत मेहनत की है। वो इस उपाधि के लिए सही नहीं हैं। उन्हें इसे कमाना होगा। इतनी बड़ी उपाधि को ऐसे ही दिए जाने के पक्ष में वो बिल्कुल भी नहीं हैं।
राहुल ने कहा कि मेरी मां ने कड़ी मेहनत के बाद अपनी पी.एच.डी. की डिग्री हासिल की और उन्हें 55 साल की उम्र में ये उपाधि मिली। वहीं उनकी पत्नी एक सर्जन हैं। उन्हें 7 साल के कठिन परिश्रम के बाद ये मुकाम हासिल हुआ। इन दोनों ने ही इस उपाधि को कमाया है, वो इसकी हकदार हैं।
"मुझे हमेशा से ये लगता है कि अगर मुझे कोई चीज़ चाहिए तो मुझे उसे खुद हासिल करना होगा। मैं अपने विचार किसी पर थोपना नहीं चाहता बल्कि ये केवल मेरे ऊपर लागू होते हैं। मैंने अपने जीवन में जो अनुभव हासिल किए हैं मैं उनकी वजह से ऐसा कर रहा हूं।"
राहुल जानते हैं कि किसी भी चीज़ को एक दिन में हासिल नहीं किया जा सकता। राहुल ने ऐसा करके हम सभी के सामने एक उदाहरण पेश किया है। हम सब हमेशा से ही राहुल के व्यवहार के कायल रहे हैं।