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ये प्राणी आपको किसी भी ऑफिस में मिल जाएंगे, इन प्राणियों से दूर ही रहे, अन्यथा ये आपकी सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकते..ओहह! माफ़ कीजिएगा दुरदर्शन की याद आ गई थी। आज के गुरूवार के गुरूमंत्र में हम आपको बताएंगे की ऑफिस में कौनसे स्टुपिड से काम नहीं करने चाहिए और कैसे लोगों से बचके रहना चाहिए।
ये इंडिया है मेरे दोस्त और यहां लोगों को खाना हज़म नहीं होता तब तक, जब तक की वो कीसी के फट्टे में टांग ना अड़ा ले। फट्टे में टांग अड़ाना जानते हैं ना आप..अरे दरअसल बात क्या है कि लोगों को अपना काम तो दिखता नहीं, अपनी प्रॉब्लम नहीं दिखती, लेकिन पड़ोसी(पड़ोसी ऑफिस मे भी होते हैं साहब) की जरूर दिख जाती है और जा कर पुछ बैठते हैं कि ....और बताओं क्या चल रहा है, अब पड़ोसी तो मने तैयार ही रहता है अपनी प्रॉब्लम सुनाने को, फिर उसकी प्रॉब्लम को अपनी प्रॉब्लम समझ हम तैयार हो जाते हैं उस मुसीबत से लड़ने को और अपने लिए खड़ी कर लेतें हैं एक फालतू की आफ़त...अब क्या करें हम इंडिया वाले हैं ही बड़े दिल वाले।
मतलब ऑफिस में आपको ऐसे नमूने मिल जाएंगे जो फालतू का ज्ञान पेलते रहेंगे। मानो उनको त्रिलोकी का ज्ञान हो। कोई पुछता भी नहीं, लेकिन फिर ये तो अपना ज्ञान जरूर झाडेंगे। मने यही गुगल बाबा हो। तो बता रहें हैं आप ऐसे बिल्कुल भी ना बने और बिना वजह ज्ञान ना झाड़े वरना आपका इमेज ऑफिस में एक चपरबत्तू की बन सकती है।
ऑफिस में कई लोग होते हैं, जो अपने काम से ज्यादा माहीर होतें हैं चाटुकारिता करने में। अपने काम पर तो इनको भरोसा होता नहीं, लेकिन चाटुकारिता के दम पर ये लोग वो पा जाता हैं जो काम करने वाले नहीं। दरअसल अपने बॉस को ये लोग आसमान पर चढ़ाए रहते हैं, इनका बस चले तो ये उन्हें हमेशा के लिए ही आसमान में भेज दें, इतना ही नहीं ये तो रोज उनके पैर धो कर चरणामृत पीलें। लेकिन कई बार ये चाटुकारिता आप पर भारी भी पड़ सकती हैं, क्योंकि जरूरी नहीं सारे बॉस ही चने के झाड़ पर चढ़ जाएं वो आपकी वाट भी लगा सकते हैं।
ये होतें हैं ऑफिस के आशिकी मिज़ाज़ी लोग, जिनको अपने काम का पता हो या ना हो, लेकिन लड़कियों के बारे में पूरी डिटेल रहती हैं। लड़कीयां जैसे ही ऑफिस में एंट्री लेती हैं ये उनको पूरा एक्स-रे कर देतें हैं। अपनी दो कौड़ी की शायरी से उन्हें पटाने की कोशिश करते रहतें हैं, हालांकी सफल कभी नहीं होते। ऐसे लोगों को थोड़ा संभल के रहना चाहिए किसी दिन सही लड़की से पाला पड़ गया तो रख के सुना देगी और ऑफिस में फज़ीहत होगी वो अलग।
कुछ लोग होते हैं जिनको कोई काम धाम तो होता नहीं साथ ही ये औरों को भी काम नहीं करने देते। ये आपको चाय या सुट्टा फूंकते ही नज़र आंएंगे। इनके पास कुछ नहीं होता, होता है, तो बस बकैती, लेकिन आपको बता दें बॉस की नज़र सबसे पहले इन्हीं पर होती है और जब कभी छंटाई का दिन आता है, तो इन्हें चाय में पड़ी मक्खी के जैसे निकाल कर फेंक दिया जाता है।
ऑफिस में कुछ लोग लेज़ी टाइप होते हैं जो आज का काम कल और कल का परोसो करने में विश्वास रखते हैं। इनका काम कभी भी अप-टू-डेट नहीं होता। इन लोगों की वजह से ही प्रोजेक्ट डीले होते रहते हैं। लेकिन आपको बता दें ऐसे लोगों के काम भले ही डीले होते हों, लेकिन बॉस के रूम से फायर्ड लेटर तुरंत आ जाता है।
मने की हर ऑफिस में आपको ये चुगली करने वाली आंटिया जरूर मिल जाएंगी। इनको कुछ नहीं करना होता ये तो बस ऑफिस में पोस्ट ऑफिस का काम करती हैं। इधर की बात उधर और उधर की इधर करने में ये बड़ी तेज होती हैं। मानो चुगली करने मे तो इन्होंने डिग्री हासिल की होती है। लेकिन ये लोग ज्यादा दिन ऑफिस मे नहीं ठहर पाते और इनकी इमेज भी खराब हो जाती है।
ओहहो! आप इंडिया में हैं और ऐसा कैसे हो सकता है कि आपकी फ्री की एडवाइस देने वाले प्राणियों से मुलाकात नहीं हुई हो। हर ऑफिस में भी ऐसे नमूने भरे होतें हैं, जो फ्री और वो भी फर्जी की एडवाइस देते फिरते हैं। लेकिन कई बार इनकी एडवाइस इन पर ही भारी पड़ जाती है।
कामचू शब्द हमने हाल ही में ईजाद किया है, क्योंकि ऐसे लोगों से मेरी मुलाकात हाल ही के बीते दिनों में ही हुई है। ये तो भाई सबसे जबर होते हैं, वो मुहावरा है ना कि “आ बैल मुझे मार” वो इन पर बिल्कुल जचता है। इन लोगों में अपने टारगेट से ज्यादा काम करने की चुल्ल मची होती है। इन्हें लगता है कि ऑफिस में इनसे ज्यादा कर्मठ कोई और है ही नहीं। इनका बस चले तो ये अपने काम के साथ-साथ चपरासी, रिशेपस्निस्ट का काम भी खुद ही कर लें। ऐसे लोगों से जरा बचके रहें, क्योंकि ये लोग खुद तो मरते हीं हैं साथ ही औरों को भी ले मरते हैं। ये कामचू वाली आदत कई बार इन पर भारी पड़ जती है और सच में इनकी हालत एक चपरासी जैसी ही हो जाती है।
निठल्ले जानते हैं ना कौन होते हैं..जी हां यही होते हैं। ये लोग सबसे मज़ेदार होतें हैं या फिर कह लो की सबसे तेज होते हैं, क्योंकि काम धाम तो ये करते नहीं, लेकिन फिर भी माहौल बनाए रखते हैं कि काम का सारा बोझ इन्हीं के कधों पर है। कामचोरी में ये इतने माहीर होते हैं कि इन्हें पकड़ पाना किसी नए साथी के बस की बात नहीं, हालांकी पूराने लोग इनसे वाकिफ़ होते हैं। इनका बस चले तो ये पूरा दिन ऑफिस में बस चाय पी कर चले जाएं। इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता की काम वाम हो रहा है कि नहीं, इनके फिक्र होती है तो बस सैलरी की। लेकिन जब मीटिंग होती है तो सबसे ज्यादा बैंड इनकी ही बजती है, अब जब कुछ किया ही नहीं तो बताएंगे क्या ख़ाक। तो ऐसी काम चोरी से हमेशा बचे।
इनका कुछ नहीं होता बस फालतू का भोकाल बनाएं रखते हैं, तो आप ऐसे कतई ना बने।