-90 डिग्री तापमान में इस शख्स ने बनाया अॉमलेट से लेकर नूडल्स तक, हैरान करने वाली थी हालत
टीम फिरकी, नई दिल्ली
Published by:
Pankhuri Singh
Updated Tue, 29 Jan 2019 06:26 PM IST
शिमला, मनाली जाकर बर्फ की पहाड़ियों पर फोटो खिचवा कर शोऑफ करने वालों के लिए ये खास खबर है। अंटार्कटिका की बर्फ को नहीं देखा तो क्या देखा! इन तस्वीरों को देखकर आप के दिमाग में फोटोशॉप ही आएगा लेकिन ये तस्वीरें असल की हैं और -94 तापमान की तस्वीरों को देखकर दिमाग न घूम जाए को कहिएगा।
अंटार्कटिका के -94ºF (-70ºC) तापमान पर कुछ पका कर खाने का सोचा है। सोचोगे भी कैसे वहां जा कर रहना कोई बच्चों का खेल नहीं है। वैसे अब इस बारे में ज़्यादा मत सोचो, क्योंकि साइपरिन वरसेक्स नामक एक एस्ट्रोबायोलॉजिस्ट ने इसे सच कर दिखाया है।
साइपरिन वर्तमान में वहां 13 लोगों की एक टीम के साथ एक खास प्रोजेक्ट पर काम करे रहे हैं, जिसमें तकनीशियन, वैज्ञानिक, कुक और डॉक्टर भी हैं। मस्ती करने के मूड से साइपरिन ने कुछ अलग करना चाहा और निकल पड़े बाहर खाना बनाने के लिए, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि खाने का कुछ ऐसा हाल होगा।
साइप्रियन एक ग्लेशियोलॉजिस्ट और एस्ट्रोबायोलॉजिस्ट हैं, जो वर्तमान में दुनिया के सबसे दूरस्थ वैज्ञानिक आधार पर काम कर रहे हैं। जिसका नाम अंटार्कटिका में कॉनकॉर्डिया स्टेशन है।
साइपरिन जब सैंपल इकट्ठा करने और एरास अतीत में जलवायु के बारे में शोध करने में व्यस्त नहीं रहते तो इस वातावरण में रहने के अपने अनुभव को साझा करने के लिए एक ब्लॉग लिखते हैं।
जिन चीजों को हम हल्के में लेते हैं वो असल में कितनी गंभीर होती हैं। साईप्रिन की तस्वीरों को देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है। साइप्रियन और वैज्ञानिकों का एक छोटा समूह अंटार्कटिक सर्दियों की गहराई में अकेले हैं जहां बैक्टीरिया भी जीवित नहीं रह सकते हैं।
बेशक, यह सिर्फ एक खेल था, लेकिन गुरुत्वाकर्षण की अनदेखी तस्वीरें अंटार्कटिका में ठंड की पूर्ण तीव्रता को स्पष्ट करती हैं। बस मज़े के लिए, साइप्रियन ने बाहर जाने का फैसला किया और गहरी ठंड में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों की तस्वीरें लीं।
उन्होंने ने कहा की, इस प्रोजेक्ट को यहां आयोजित करने के लिए धन्यवाद। जिससे ये पता लग सका की ग्रीनहॉउस गैस का लेवल पिछले 800000 सालों में इतना नहीं बढ़ा होगा।