डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है क्योंकि वो लोगों को नया जीवन देते हैं। इसके साथ ही उनसे उम्मीद की जाती है कि वह अपने काम में गलती कतई करेंगे, लेकिन इनमे से कुछ डॉक्टर बड़े ही भुलक्कड़ होते है। इन दिनो एक ऐसे डॉक्टर का अपनी गलती के कारण खूब सुर्खियां बटोर रहे है।
दरअसल,हुआ यूं कि 40 साल की निशा बेगम ने अपना पथरी का ऑपरेशन उत्तर प्रदेश के बागपत के एक सरकारी अस्पताल में करवाया। ऑपरेशन के बाद भी महिला को पेट में दर्द होता रहता था, वह लगातार छह तक सरकारी अस्तपताल के चक्कर लगाती रही थी लेकिन फिर भी उसे आराम नहीं मिला।
पेट में काफी दर्द होने के कारण उसे दोबारा सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया तो डॉक्टरों ने निशा की कुछ दवाइयां बदल दीं और परिजनो से कहा कि इससे आराम मिल जाएगा, लेकिन फिर भी निशा को कोई राहत नहीं मिली, अस्पताल के डॉक्टरों ने तीसरी बार फिर निशा को भर्ती कराने के लिए कहा। इस बार भी डॉक्टरों ने दवाइयां ही बदल कर दीं, पर पेट दर्द ठीक नहीं हुआ।
महिला की हालात में सुधार न देखते हुए उसे दिल्ली लाया गया और उसे हिंदूराव अस्पताल में भर्ती करवाया गया। यहां 15 दिनों तक डॉक्टरों ने निसा को अपनी निगरानी में रखा और कई टेस्ट कराए। डॉक्टरों ने जब निशा का ऑपरेशन किया तो उनकी आंखे फटी रह गई, डॉक्टरों ने निशा के पेट से तौलिया निकाला।
बागपत के डॉक्टरों ने महिला का ऑपरेशन कर उसकी पथरी तो निकाल दी, लेकिन उसके पेट में तौलिया और बैंडेज छोड़ दिया और टांके लगा दिए। वहीं इस पर महिला के परिजनों ने कहा कि बागपत अस्पताल के डॉक्टरों के लापरवाही के कारण उनकी बहन की जान पर बन आई और अभी भी उसकी स्थिति ठीक नहीं है।