Home Omg Himachal Pradesh Village Malana Has Its Own Strict Rules Where Law Of India Does Not Work

Ajab Gajab: भारत का अनोखा गांव, जहां है अपनी संसद और न्यायपालिका, नहीं चलते देश के कानून

टीम फिरकी, नई दिल्ली Published by: ज्योति मेहरा Updated Mon, 13 Feb 2023 12:55 PM IST
सार

हमारे देश में एक जगह ऐसी भी है, जहां देश के नियम कानून नहीं चलते बल्कि यहां अपना संविधान है। यह अनोखा गांव हिमाचल प्रदेश में है। आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह।

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इस गांव में है अपना संसद और अपना कानून
इस गांव में है अपना संसद और अपना कानून - फोटो : istock
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विस्तार

Village Malana: भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश माना जाता है, इसलिए इसे मदर ऑफ डेमोक्रेसी भी कहा जाता है। भारत में संसद ही कानून बनाती है, जिसका पूरे देश में सख्ती से पालन किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक जगह ऐसी भी है, जहां देश के नियम कानून नहीं चलते, बल्कि यहां अपना संविधान है। अगर आप सोच रहे हैं कि यह कश्मीर है, तो आप गलत हैं। दरअसल, यह अनोखा गांव हिमाचल प्रदेश में है जहां अपनी संसद है। इतना ही नहीं यहां फैसले सुनाने वाली न्यायपालिका भी है। आइए जानते हैं आखिर यहां के लोग अपना ही कानून क्यों मानते हैं।

यह अनोखा गांव कुल्लू जिले में करीब 12 हजार फुट की ऊंचाई पर बसा है। मलाणा गांव बेहद खूबसूरत घाटियों से घिरा है, जो दुनियाभर के लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र है। करीब 1700 लोगों की आबादी वाला यह गांव अक्सर अपनी अजीबोगरीब गतिविधियों के लिए चर्चा में रहता है। यहां के लोग खुद को सिकंदर का वंशज बताते हैं। बताया जाता है कि सिकंदर के जमाने की एक तलवार इस गांव के मंदिर में रखी हुई है। मलाणा  गांव से जुड़े कई ऐतिहासिक किस्से, रहस्य और अनसुलझे सवाल हैं, जिसने बारे आज भी कई लोग नहीं जानते हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां भी संसद की तरह दो सदन हैं। ऊपरी सदन में कुल 11 सदस्य होते हैं, जिनके हाथ में अंतिम फैसला होता है। इसमें गांव के तीन अहम किरदार गुरु, पुजारी और जमलू देवता का प्रतिनिधि शामिल होते हैं। यह स्थाई होते हैं, जबकि बाकी के आठ सदस्यों का चुनाव किया जाता है। इसके अलावा हर घर से एक आदमी इसके सदन में शामिल होता है। किसी भी मुद्दे पर आखिरी फैसला जमलू देवता का होता है।

बाहरी लोगों से संपर्क नहीं रखते
अजीब बात यह है कि मलाणा गांव के लोग बाहरी लोगों से ज्यादा संपर्क नहीं रखते। इसके पीछे यह वजब है कि यह लोग अपनी नस्ल में कोई मिलावट नहीं चाहते हैं। इस गांव के निवासी शादियां भी गांव के भीतर ही करते हैं। यहां के नियम बहुत ही सख्त होते हैं। साथ ही यहां पर दीवारों को छूने की मनाही है और पर्यटकों को भी यहां आने की मनाही है।

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो ये लोग दूसरों से हाथ भी नहीं मिलाते। मलाणा गांव दुनिया में चरस की खेती करने के लिए बेहद मशहूर हैं। गांव के आसपास अच्छी मात्रा में गांजा उगाया जाता है, जिसे मलाणा क्रीम के नाम से भी जाना जाता है।

 

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