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भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में फिर से जिताने के लिए इस बार सारा जिम्मा ममता दीदी ने उठाया है। केंद्र की मोदी सरकार के 5 साल पूरे होने में कुछ ही दिन है, लिहाजा साल भर सड़कों से गायब रहा विपक्ष अब चुनाव से पहले दीदी के गांव में इकटठा हो रहा है।
खबर यह है कि दीदी ने बीते 5 सालों में उन सारे विपक्षियों को एकजुट कर लिया है जो नोटबंदी, भीड़तंत्र, महंगाई जैसे मुददों को लेकर सड़कों पर नहीं उतरे, लेकिन चुनाव से पहले सड़कों पर दिखना चाहते हैं। बता दें कि विपक्ष के सारे लोग चुनाव से पहले जनता के बीच जाने के लिए मर मिटना चाहते हैं, बस उन्हें एक बार छोड़ भर दिया जाए।
सूचना है कि ममता दीदी ने इस पंचायत को इसलिए भी बुलाया है ताकि भाजपा से जीत के मंत्र सीखें जाएं। इस पंचायत में विपक्ष के वे लोग भी शामिल होंगे जिनके पास कई दिनों से काम नहीं था जबकि उन डरे हुए लोगों के आने की भी संभावना है जिन्हें लगता है कि यदि भाजपा के लिए अलग से वोट मांगे तो अमित भैया नाराज हो सकते हैं।
इधर भविष्यवाणी यह भी है कि इस पंचायत में उन तिकड़मों के बारे में भी रणनीति बनाई जा सकती है जिसमें देश के हर उस आदमी का कर्जा माफ हो सकता है जिसने होमलोन लिया हआ है, और जो वोट दे सकता है ।
बताया जा रहा है कि इस रैली में शामिल होने के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री और जद(एस) के नेता एचडी कुमारस्वामी अंकल आज कोलकाता के लिए रवाना हो चुके हैं। उनका कहना है कि कर्नाटक में पिछली बार जोड़-तोड़ से सरकार नहीं बनाने पाने के कारण रूठे हुए येदियुरप्पा भैया को मनाने की कोशिश की जाएगी।
दो सूचना यह भी है कि हाल ही में सीटों के बंटवारे के लिए बड़ा झगड़ा करने के लिए एक हुए बुआ भतीजे की जोड़ी में से बुआ इस रैली में शामिल नहीं होंगी। बुआ मानती है कि- भतीजे पुत्तर अखिलेश से मिलकर पहले ही भाजपा को जिताने के लिए प्लान तैयार कर दिया है। इसलिए मैं नहीं आ रही हूं अब तो कांग्रेस को अपने बारे में सोचना चाहिए। हालांकि बुआ के भाई सतीशचंद्र मिश्रा इस पंचायत में आएंगे जबकि उधर राहुल गांधी के पहले ही उनका खत पहुंच गया है। आगे की स्लाइड में पढ़िए इस खास खत में क्या कुछ लिखा है।
पूरा विपक्ष एकजुट है। मैं ममता दी को इस पंचायत के लिए अपना समर्थन देता हूं और आशा करता हूं कि हम एकजुट भारत का शक्तिशाली सन्देश केवल देश में ही देंगे। भले ही मैं विदेशों में जाकर भारत की फजीहत कराता रहूं क्योंकि टीआरपी वहीं से आती है। येइच अपुन का स्टाइल है।
उधर, ममता दीदी ने पोते राहुल गांधी के इस खत की हरी-भूरी-लाल-पीली-नीली और इंद्रधनुषीय प्रशंसा भी की है, जिसमें इतने रंग हैं कि कोई पहचान ही नहीं सकता। हर दल अपने हिसाब से समय आने पर अपना रंग कभी भी कहीं भी बदल सकता है ।
दीदी की पार्टी ने दीदी की पंचायत पर कहा है कि- इस पंचायत से दीदी का बोरिया बिस्तर बंगाल से ही उठ सकता है । ऐसा काम दीदी ही कर सकती हैं ।
नोट : यह लेख एक राजनीतिक व्यंग्य है।