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Republic Day 2019: गणतंत्र दिवस की ये खास बातें जानकर हो जाएंगे रोमांचित

टीम फिरकी, नई दिल्ली Published by: गौरव शुक्ला Updated Fri, 25 Jan 2019 12:31 PM IST
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republic day photos 2019
republic day photos 2019 - फोटो : PTI
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राष्ट्रीय त्योहार गणतंत्र दिवस (Republic Day 2019) देश में हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। इस बार हम 70वां गणतंत्र दिवस (70th Republic Day 2019) मना रहे हैं। गणतंत्र दिवस के दिन वीर चक्र, महावीर चक्र, परमवीर चक्र, कीर्ति चक्र और अशोक चक्र जैसे तमाम अवॉर्ड दिए जाते हैं।

इस बार गणतंत्र दिवस पर 90 मिनट की परेड होगी। परेड के मुख्य आकर्षणों में 58 जनजातीय अतिथि, विभिन्न राज्यों और केंद्र सरकार के विभागों की 22 झाकियां होगी। गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर शहीदों को पुष्पचक्र चढ़ाकर करेंगे। राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजे गए 26 बच्चे भी खुली जीप में बैठकर झांकी का हिस्सा बनेंगे।

पीआईबी (प्रेस इन्फॉरमेशन ब्यूरो, भारत सरकार) के अनुसार देश में 26 जनवरी 1950 को सुबह 10.18 बजे भारत एक गणतंत्र बना। इसके छह मिनट बाद 10.24 बजे राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। इस दिन पहली बार बतौर राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद बग्गी पर बैठकर राष्ट्रपति भवन से निकले थे। इस दिन पहली बार उन्होंने भारतीय सैन्य बल की सलामी ली थी। पहली बार उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था।

इस मौके पर नौसेना और थलसेना के द्वारा देश की आजादी के लिए लड़े शहीदों के सम्मान में बंदूकों और तोपों से सलामी दी जाती है। गणतंत्र दिवस का जश्न तीन दिन तक चलता है। इसमें, कई कार्यक्रमों व ड्रिल का आयोजन किया जाता है। 'बीटिंग द रिट्रीट' सेरिमनी के साथ गणतंत्र दिवस के आयोजन की समाप्ति होती है।
 
 

70वें गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि दक्षिण अफ्रीका के पांचवें तथा वर्तमान राष्ट्रपति माटामेला सिरिल रामाफोसा हैं। अफ्रीकी राष्ट्रपति को आमंत्रित करने की एक मुख्य वजह यह भी है कि इस वर्ष भारत महात्मा गांधी यानी बापू की 150वीं जयंती पूरी होने वाली है।

चूंकि महात्मा गांधी का दक्षिण अफ्रीका से काफी गहरा जुड़ाव रहा है, इसलिए इस अवसर पर अफ्रीकी राष्ट्रपति को आमंत्रित किया गया है। रामफोसा के साथ उनकी पत्नी डॉ. शेपो मोसेपे, नौ मंत्रियों सहित उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल, वरिष्ठ अधिकारी और 50 सदस्यों का व्यावसायिक प्रतिनिधिमंडल भी होगा। 
 
दिल्ली में राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड आयोजित होती है। यह परेड आठ किमी की होती है और इसकी शुरुआत रायसीना हिल से होती है। उसके बाद राजपथ, इंडिया गेट से होते हुए ये लाल किला पर समाप्त होती है।
 

आजादी के बाद देश को चलाने के लिए डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के नेतृत्व में हमारे देश का संविधान लिखा गया, जिसे लिखने में पूरे 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे। इसे लिखने के लिए संविधान सभा के 308 सदस्यों ने कड़ी मेहनत की थी। संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया, क्योंकि 1930 में इसी दिन कांग्रेस के अधिवेशन में भारत को पूर्ण स्वराज की घोषणा की गई थी।

अगर पूरी दुनिया की बात करें तो भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। आज भी भारतीय संविधान की हाथ से लिखी मूल प्रतियां संसद भवन के पुस्तकालय में सुरक्षित रखी हुई हैं। भारतीय संविधान की दो प्रत्तियां जो हिंदी और अंग्रेजी में हाथ से लिखी गईं। भारतीय संविधान में अलग-अलग देशों के संविधानों की कुछ अच्छी बातों को भी शामिल किया गया, जिसमें जरूरत के हिसाब से समय-समय पर संशोधन किया गया।

बता दें कि महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की 'समाधि' को सुरक्षा कवच मुहैया कराने वाले केंद्रीय अर्ध सैनिक बल सीआईएसएफ की झांकी भी इस बार 11 साल के अंतराल के बाद गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा ले रही है। बल की झांकी में महात्मा गांधी की समाधि पर सुरक्षा में तैनात जवानों को दिखाया जाएगा। केंद्रीय अर्ध सैनिक बल के जवान देश की प्रमुख संस्थाओं और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में तैनात रहते हैं। करीब 1.70 लाख कर्मियों वाला यह केंद्रीय अर्ध सैनिक बल अपनी स्वर्ण जयंती मना रहा है।  

जहां स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री देश का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराते हैं, वहीं गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं। इसी तरह राज्यों में भी मुख्यमंत्री की बजाए राज्यपाल तिरंगा फहराते हैं। इस अवसर पर हर साल 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है। राष्ट्रगान शुरू होते ही पहली सलामी और फिर 52 सेकंड बाद आखिरी सलामी दी जाती है। 

गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री अमर ज्योति पर शहीदों को श्रद्धाजंलि देते हैं, जिन्होंने देश के आजादी में बलिदान दिया। परेड में विभिन्न राज्यों की प्रदर्शनी भी होती हैं, प्रदर्शनी में हर राज्य के लोगों की विशेषता, उनके लोक गीत व कला का दृश्यचित्र प्रस्तुत किया जाता है। हर प्रदर्शिनी भारत की विविधता व सांस्कृतिक समृद्धि प्रदर्शित करती है।

26 जनवरी 1950 को सुबह 10.18 मिनट पर भारत का संविधान लागू किया गया। गणतंत्र दिवस की पहली परेड 1955 को दिल्ली के राजपथ पर हुई थी। भारत के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने गवर्नमेंट हाऊस में 26 जनवरी 1950 को शपथ ली थी। गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं और हर साल 21 तोपों की सलामी दी जाती है।
 

क्या आपको पता है कि सबसे पहली गणतंत्र दिवस परेड कहां हुई थी? शायद तुम 'राजपथ' का नाम लो, पर वास्तव में 26 जनवरी, 1950 को पहली गणतंत्र दिवस परेड इर्विन स्टेडियम, जिसे तुम नेशनल स्टेडियम के नाम से जानते हो, में हुई थी। उसके बाद 1954 तक दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड इर्विन स्टेडियम के अलावा, किंग्सवे कैंप, लाल किला और रामलीला मैदान में आयोजित हुई। राजपथ पर तो पहली बार 1955 में इस परेड का आयोजन हुआ था, जो अब भी जारी है। यह परेड लगभग 8 किलोमीटर की होती है, जिसकी शुरुआत रायसीना हिल से होती है। राजपथ, इंडिया गेट से होते हुए ये लाल किला पर समाप्त होती है। 

इस बार गणतंत्र दिवस की सबसे खास बात यह है कि इस  अवसर पर सेना की महिला सदस्यों द्वारा कई सारे कार्यक्रमों का नेतृत्व किया जाएगा। रोमांचक करतब दिखाने वाली ‘डेयरडेविल्स’ मोटरसाइकिल टीम में भी एक महिला अधिकारी शामिल होगी।

29 जनवरी को विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया जाता है जिसमें भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के बैंड हिस्सा लेते हैं। यह दिन गणतंत्र दिवस के समारोह के समापन के रूप में मनाया जाता।

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