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कांगो के शहर गोमा में के बम ब्लास्ट हुआ। जिसमें 32 भारतीय जख्मी हो गए और एक बच्चे की मौत भी हो गई। कांगो में यूएन पीस कीपिंग के लोगों ने बताया। ब्लास्ट तब हुआ जब ये पीस कीपर वहां मॉर्निंग रन के लिए निकले थे। वजह क्या है अभी तक इसकी कोई जानकारी नहीं है।
इस्मैल सालुमु, वहीं पास के एक मस्जिद में इमाम हैं। उन्होंने बताया कि हमने ब्लास्ट की आवाज़ सुनी और फिर लोगों के चिल्लाने की। जिसके बाद हम भाग कर बहार इसे देखने गए। कांगों में करीबन 18000 से भी ज्यादा लोग पीस कीपिंग के लिए काम करते हैं। जो कि यूनाइटेड नेशन के पीस कीपिंग प्रोग्राम के तहत किया जाता है।
पीस कीपिंग से मतलब है कि दुनियाभर के उन देशों में जहां बहुत दिनों से शांति नहीं रही है। किसी भी वजह से। कभी आपसी झगड़े तो कभी आतंकियों की वजह से। तो इस वजह से जो ऐसे देश होते हैं उनका विकास रुक जाता है। वहां के बच्चों की पढ़ाई-लिखाई रुक जाती है। ऐसे भी हम तो उस दौर में जी रहे हैं खास कर सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद की है। जिसे देखो बम मारने की धमकी देता रहता है।
तो इन्हीं सब चीज़ों से बचने के लिए यूएन के एक प्रोग्राम के तहत लोगों को कह सकते हैं कि शांतिदूत की तरह भेजा जाता है। ये काम यूएन के डिपार्टमेंट ऑफ़ पीस कीपिंग ऑपरेशन की देख रेख में होता है।
ये लोग वहां जा कर ग्राउंड लेवल शांति बहाल करने के लिए भेजे जाते हैं। कांगों में 1996 से लेकर 2003 के बीच इस तरह के रीजनल कनफ्लिक्ट में लाखों लोगों की जान जा चुकी है। बहुत से ऐसे लोकल आर्म्ड ग्रुप हैं जो वहां आज भी एक्टिव हैं।
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