हमारे यहां लोग कुछ करें चाहे नहीं, लेकिन कार में घूमने का खूब शौक रखते हैं.. जिनके पास भी थोड़ा ठीक-ठाक पैसा हो। हमें उस टाइप का कोई शौक तो नहीं है। लेकिन जानकारी जुटाने में हम माहिर हैं। इसीलिए आज हम एक नया ज्ञान लाए हैं। काहे कि लोग कार खरीदने से पहले बहुत कंफ्यूज़ रहते हैं। तो उन सब का कंफ्यूजन अब खत्म करते हैं। अब चलाना तो इंडिया में ही है। कार खरीद के अमेरिका तो नहीं चले जाओगे! तो इसीलिए ये वाला लिस्ट..
लिस्ट और भी हो सकते हैं। बट..बट, डिपेन्डिंग ऑन योर औकात..!! इसका गलत मतलब न निकलें। औकात मीन्स आप समझ ही रहे हैं। हम अपने टाइप के लोगों की बात कर रहे हैं।
हुंडई वरना, हुंडई कम्पनी की कार है। कार में भी कौन-सा मॉडल तो इसको सिडान बोलते हैं। इसमें डीजल और पेट्रोल दोनों टाइप की कारें मार्केट में हैं। पहले पेट्रोल वाला मॉडल आता था। लेकिन बाद में डीज़ल भी शुरू कर दिया गया। माइलेज के मामले में देखें तो पेट्रोल में 17-18 किमी/लीटर का माइलेज है। वहीं डीजल में 22किमी/लीटर से ऊपर का माइलेज है।
अब ये न पूछियेगा कि 'Chevrolet' को शेवरोले क्यों पढ़ रहे हैं। जो सही है वो जानिए। अब मुद्दे की बात। एकदम मस्त गाड़ी है। 5 लोग आराम से बैठ जाते हैं। मतलब दिखता छोटा है बाहर से, लेकिन अंदर काफी जगह होती है। दिखने में भी स्टाइलिश होता है। एक और अच्छी बात इसमें कलर ऑप्शन मार्केट में बहुत मिल जाता है। डीजल, पेट्रोल मॉडल तो मिलता ही है। एक स्पेशल एलपीजी मॉडल भी है। एलपीजी, वही जो घर में आप गैस चूल्हा जलाते हैं। माइलेज़ देखना है तो 25 किमी/लीटर का एवरेज माइलेज़ मिल जाता है।
टाटा नैनो जब मार्केट में आने वाला था, तब लोग खूब कूदे थे। अब तो हम भी कार खरीदेंगे। क्यों भैया! क्योंकि कार की कीमत 1 लाख होगी। कार आई लोग खरीदने गए। कीमत थोड़ी ज्यादा लग गई। और कार देखने में थोड़ी हल्की लगी। फिर वो जो हव्वा बना था, वो अब कम हो गया था। लेकिन आपको बता दें। जितनी बेकार आप इसे समझ रहे हैं उतनी ये है नहीं। इस टाइम इंडिया में जितनी भी कारें चलती हैं उनमें सबसे कम कार्बन डायऑक्साइड यही गाड़ी छोड़ती है। जो कि पॉल्यूशन का सबसे बड़ा कारण है। और माइलेज़ में इसका कोई तोड़ नहीं है। 25 किमी/लीटर से ज्यादा। और क्या चहिए?
मुझे याद है कोई दसवीं क्लास में होऊंगा। उस टाइम एक नया फैशन चला था। बारात में लड़के की गाड़ी कौन सी होगी! तो भैया, एक काम करो इंडिका बुक कर लो। इसके बाद तो जैसे मार्केट में इंडिका की बाढ़ आ गयी थी। टाटा की सिगनेचर कार हो गई थी एक टाइम में। इस रेंज की जितनी भी कारें हैं, मतलब ये कॉम्पैक्ट सीडान क्लास की जितनी भी कारें हैं उनमें इस गाड़ी के माइलेज़ का कोई जोड़ नहीं है। मतलब इतनी भारी कार उसके बाद भी 25 किमी/लीटर तक माइलेज़। और हां, कम्फर्ट के मामले में भी किसी से पीछे नहीं है।
अगर मैं अपने से जोडूं इस कार को तो मैं तब 11वीं में गया था। गांव में दसवीं तक ही क्लास तो इसके आगे पढ़ने के लिए चले गए गिरीडीह, वहीं वासेपुर के बगल में। जब 12वीं में पहुंचे तो एकदम डिजाइन से 'i' अलग और 10 अलग लिखा देखे तो मन को भा गया था। ऊपर से टीवी पर शाहरुख खान का प्रचार। तभी सोचे थे साला कार ख़रीदना है तो यही। अपनी क्लास में ये सबसे पसंदीदा कारों में से एक है। अपनी क्लास मतलब इसको 'हैचबैक' मॉडल बोलते हैं। पहले पेट्रोल में आया फिर बाद में डीजल मॉडल भी आ गया। सिटी में 14 का माइलेज़ और हाइवे पर 19 तक माइलेज़। सबसे मस्त बात मेंटेनेंस बिलकुल कम।
महिंद्रा बोलेरो नाम सुनते ही दिमाग में एक ही बात आती है। वो है एक गाड़ी, दम-खम से भरी। बिल्कुल अपनी तरह रफ़ एंड टफ। खेतों में उतार दो, तो हल लगा के खींच दे, इतना दम। शीशे ऊपर चढ़ा के ए.सी ऑन कर लो तो फिर रईसी की रईसी। बोलेरो को इंडिया में बिकने वाले एस.यू.वी में से सबसे बेहतरीन माना गया है हर मामले में। एवरेज बजट में इंडिया में एस.यू.वी गाड़ियों में इसका कोई जोड़ नहीं है।
मेरे हिसाब से ये एक शहरी गाड़ी है। क्यों? क्योंकि मेरे लिए शहर से मतलब उस जगह से है जहां लोग 5 दिन काम करते हैं। घर से ऑफिस, ऑफिस से घर। और बाकी के दो दिन में कहीं एक दिन पार्टी और एक दिन कहीं आस-पास घूम लिए। फैमिली के साथ। और छोटी फैमिली। ये गाड़ी इस मामले में इसमें फिट बैठती है। लुक सुंदर, बहुत ज्यादा कीमत नहीं। माइलेज़ अच्छा, मेंटेनेंस भी ज्यादा नहीं। दिल्ली जैसी जगह में एक और फायदा इनबिल्ट CNG फिटेड, तो टेंशन नहीं। स्पेस भी पर्याप्त। अच्छा, आज की तारीख में अगर दिल्ली में जितने भी नए कैब दिखेंगे सब के सब वैगनआर। वजह? फायदा।
2012 में कार ऑफ़ द ईयर। एक गाड़ी आती थी पहले पता नहीं आपको याद हो या न हो 'इस्टीम'। एकदम लम्बी-सी कार। वैसे तो इस्टीम काफी पहले ही मार्केट में ढीली पड़ गयी थी। लेकिन ये गाड़ी जैसे ही आई, इसने इस्टीम के पूरे मार्केट को अपने नाम कर लिया। वजहें? गाड़ी में लग्ज़री टाइप की फीलिंग। साथ में कीमत बहुत ज्यादा नहीं। स्पेस काफी अच्छा। कहीं जाना हो तो सामान रखने के लिए भी बहुत जगह। एक और ख़ास बात। ABS सिस्टम के साथ है ये। ABS क्या होता है? एंटी ब्रेक लॉकिंग सिस्टम। इससे होता ये है कि जब आप ब्रेक लगाते हुए गाड़ी को कहीं मोड़ते हैं तो इससे गाड़ी स्किट करने का डर कम हो जाता है। साथ ही स्लिपरी रोड से बचाने के लिए भी इसमें अलग से व्यवस्था दी गई है।
जब पहली बार देखा था इस कार को तो एक बात कही थी दोस्त से - एकदम मस्त कार है भाई। कीमत डिज़ायर मॉडल से बहुत कम। औकात में बहुत पीछे नहीं। माइलेज़ पेट्रोल में 18 तक और डीज़ल में 22 तक। सबसे अच्छी बात ट्यूबलेस में भी मिल जाती है। शहरों में घूमने के लिए बेहतरीन क्योंकि गाड़ी ज्यादा लम्बी नहीं तो कम स्पेस में भी फिट हो जाती है। बिजी मार्केट में खटाक से घुमाओ और भगाओ। वैसे आई तो थी आई-10 से पहले लेकिन जब ध्यान से देखा तो पता चला वो आई-10 का नशा नहीं, शाहरुख खान का नशा था।
एक बार खरीदो सालों-साल चले वाला हिसाब है। अगर कहीं शहर में रहते हैं और ट्रैफिक की प्रॉब्लम होती हो तो यही रखिए। दन्न से घूम जाता है। काहे कि टर्निंग रेडियस बेहद ही कम होता है इसका।