ये है दुनिया की सबसे छोटी सल्तनत, जिसके राजा को बस मिलता है मुफ्त में भोजन
टीम फिरकी, नई दिल्ली
Published by:
Ayush Jha
Updated Thu, 19 Dec 2019 09:27 AM IST
किंगडम ऑफ टवोलारा
- फोटो : सोशल मीडिया
आपने आज-तक दुनिया के कई बड़े-बड़े साम्राज्यों के किस्से सुने होंगे। जिनमे कई तो ऐसे है जहां कभी सूरज नहीं था तो वहीं चंगेज खां की बादशाहत जो चीन से लेकर हिंदुस्तान की दहलीज तक फैली थी। या फिर मुगलिया सल्तनत जिसका विस्तार काबुल-कंधार से लेकर कर्नाटक तक था। पर, आज हम आपको ले चलते हैं दुनिया की सबसे छोटी बादशाहत की सैर पर. एक ऐसा साम्राज्य जिसमें कुल 11 लोग रहते हैं, वो भी पार्ट टाइम। एक ऐसा राजा जो अपनी नाव और रेस्टोरेंट चलाता है। जिसने हाफ पैंट और सैंडल मे ही जिंदगी बिता दी। ये बेहद दिलचस्प किंगडम है, किंगडम ऑफ टवोलारा।
किंगडम ऑफ टवोलारा
- फोटो : सोशल मीडिया
इटली के सार्डीनिया प्रांत के पास भूमध्य सागर में स्थित ये एक बेहद छोटा-सा द्वीप है जहां पर एक राज कायम है, वो भी इटली के एक देश के तौर पर अस्तित्व में आने से पहले। किंगडम ऑफ टवोलारा, असल में टवोलारा नाम के एक छोटे से जजीरे पर फैला हुआ है। इसकी कुल लंबाई-चौड़ाई पांच वर्ग किलोमीटर है।
किंगडम ऑफ टवोलारा
- फोटो : सोशल मीडिया
इस सल्तनत के राजा का नाम है टोनियो बर्तलिओनी। अगर आप कभी टवोलारा पहुंच गए तो वहां आपको राजा टोनियो बर्तलिओनी को तलाशने में दिक्कत हो सकती है। वो राजा जैसे तो दिखते ही नहीं। न पहनावा वैसा है, न रहन-सहन। टोनियो बर्तलिओनी कहते हैं कि एक राजा के तौर पर उन्हें सिर्फ मुफ्त भोजन की सुविधा मिलती है। वो भी उनके खुद के रेस्टोरेंट से मिलता है। आज के दौर में एक द्वीप पर बसे एक साम्राज्य की बातें मजाक लगेंगी। मगर, यहां के बाशिंदे और राजा टोनियो बर्तलिओनी इसे लेकर बेहद गंभीर हैं। पूछे जाने पर वो कई पुश्तों का इतिहास बताते हैं।
किंगडम ऑफ टवोलारा
- फोटो : सोशल मीडिया
टोनियो बर्तलिओनी के मुताबिक उनके परदादा के परदादा, गुसेप बर्तलिओनी 1807 में दो बहनों से शादी करके इटली से भाग आए थे। उस वक्त इटली एक देश नहीं था, बल्कि इसका सार्डीनिया सूबा एक अलग साम्राज्य के तौर पर आबाद था। यहां दो शादियां करना गुनाह था। इसीलिए गुसेप बर्तलिओनी भागकर इस द्वीप पर आकर बस गए।वो जेनोवा शहर के रहने वाले थे। गुसेप को जल्द ही इस द्वीप पर रहने वाली सुनहरे दांतों वाली बकरियों का पता चला। ये दुनिया में अपनी तरह की इकलौती बकरियां हैं। जल्द ही इन बकरियों की चर्चा इटली तक पहुंच गई। सार्डीनिया के राजा कार्लो अल्बर्टो इन बकरियों को देखने और इनका शिकार करने के लिए टवोलारा द्वीप पर आए।
किंगडम ऑफ टवोलारा
- फोटो : सोशल मीडिया
ये बात 1836 की है। गुसेप के बेटे पाओलो ने कार्लो अल्बर्टो को सुनहरे दांतों वाली बकरियों के शिकार में मदद की और पूरा द्वीप घुमाया। टोनियो बताते हैं कि जब सार्डीनिया के राजा अल्बर्टो उनके द्वीप पर पहुंचे तो उन्होंने कहा कि वो सार्डीनिया के राजा हैं। इसके जवाब में उनके पर-परदादा पाओलो ने कहा कि वो टवोलारा के राजा हैं। टवोलारा में तीन दिन गुजारकर कार्लो अल्बर्टो जब अपने देश लौटे तो वहां से एक फरमान लिखकर कहा कि टवोलारा, सार्डीनिया के राज का हिस्सा नहीं है। इसके बाद पाओलो बर्तलिओनी ने अपनी बादशाहत का एलान कर दिया। इस द्वीप पर उस वक्त कुल तैंतीस लोग रहते थे। तो पाओलो उन 33 लोगों के राजा हो गए।
किंगडम ऑफ टवोलारा
- फोटो : सोशल मीडिया
पाओलो ने मरने से पहले एक शाही कब्रिस्तान बनवाया। उन्होंने वसीयत की कि उन्हें जब दफनाया जाए तो उनकी कब्र पर एक मुकुट लगाया जाए। दिलचस्प बात ये कि पाओलो बर्तलिओनी ने जीते-जी कभी मुकुट नहीं पहना था। बाद के दिनों में टवोलारा के राजाओं के किस्से पूरे भूमध्य सागर में फैल गए। कई देशों के राजाओं के साथ टवोलारा के राजाओं ने समझौते भी किए। इनमें से एक इटली के संस्थापक कहे जाने वाले गुसेप गैरीबाल्डी भी थे। उस वक्त के सार्डीनिया के राजा विटोरियो इमैनुअल द्वितीय ने तो 1903 में टवोलारा के साथ शांति समझौता भी किया था।
किंगडम ऑफ टवोलारा
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उन्नीसवीं सदी में ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया ने दुनिया भर के राजाओं की तस्वीरें इकट्ठी करने का मिशन शुरू किया था। इस दौरान एक जहाज उन्होंने टवोलारा भी भेजा था ताकि यहां के शाही खानदान की तस्वीर भी उतारी जा सके। उस दौर की तस्वीर बरसों तक इंग्लैंड के बकिंघम पैलेस की शान बढ़ाती रही। आज वो तस्वीर टोनियो बर्तलिओनी के रेस्टोरेंट में टंगी है।
किंगडम ऑफ टवोलारा
- फोटो : social media
1962 में यहां नैटो का सैनिक अड्डा बनने के बाद इस छोटे से साम्राज्य की संप्रभुता खत्म हो गई। इसके ज्यादातर हिस्से पर किसी के आने-जाने पर पाबंदी लगा दी गई। मगर इटली ने कभी भी औपचारिक रूप से टवोलारा को अपना हिस्सा नहीं बनाया। हालांकि टवोलारा को दुनिया का कोई भी देश मान्यता नहीं देता। टवोलारा के राजा टोनियो और उनके परिवार के लोग इटली से इस द्वीप तक के लिए फेरी सर्विस चलाते हैं। बड़ी तादाद में सैलानी यहां घूमने के लिए आते हैं। वो यहां की बकरियां और विलुप्त होती बाज की एक नस्ल को देखने के लिए आते हैं।
किंगडम ऑफ टवोलारा
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टवोलारा के आस-पास के समंदर में बड़ी तादाद में समुद्री जानवर रहते हैं। बहुत से सैलानी इनके साथ अठखेलियां करने के लिए भी यहां आते हैं। टोनियो और उनके भतीजे फेरी सर्विस चलाते हैं, तो वहीं उनका एक भतीजा समुद्र में मछलियां और दूसरे शिकार करता है। इन जीवों को फिर द्वीप पर स्थित इकलौते रेस्टोरेंट में पकाकर सैलानियों को परोसा जाता है। टोनियो कहते हैं कि टवोलारा पर राज करना खानदानी पेशे जैसा है। सैलानियों की आमदोरफ्त बढ़ने से टोनियो के राज की आमदनी भी बढ़ी है। लेकिन वो आम लोगों जैसी जिंदगी ही बसर करने में यकीन रखते हैं।
किंगडम ऑफ टवोलारा
- फोटो : social media
टोनियो को रोज सुबह उठकर खानदानी कब्रिस्तान जाकर अपनी बीवी की कब्र पर फूल चढ़ाना सबसे अच्छा लगता है। वो प्लास्टिक के फूल ले जाते हैं। टोनियो का कहना है कि असली फूल ले जाने पर बकरियां उन्हें चबा जाती हैं। कब्रिस्तान में बर्तलिओनी खानदान के सभी मरहूम लोग दफनाए गए हैं। तकनीकी रूप से टोनिओ और उनके सभी परिजन, इटली के नागरिक हैं। उन्होंने एक बार सोचा था कि वो ड्यूक ऑफ सेवॉय से अपील करें कि उनकी बादशाहत को मान्यता दे दी जाए, मगर फिर उन्होंने ये ख्याल छोड़ दिया। टोनियो कहते हैं कि जब हमारे पास महल के तौर पर इतना बड़ा द्वीप है तो फिर बाकी औपचारिकताएं जरूरी नहीं।