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रायसीना में ‘लल्ला’, देशभर में हल्ला… राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ये रोचक बातें जानते हैं आप?

Updated Tue, 25 Jul 2017 04:32 PM IST
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Ramnath Kovind
Ramnath Kovind
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कानपुर के एक छोटे से गांव परौंख के दलित परिवार में जन्मा बच्चा आज देश का 14वां राष्ट्रपति बन गया। संविधान की सुरक्षा की शपथ लेकर रामनाथ कोविंद का एक राष्ट्रपति के तौर पर सफर शुरू हो चुका है। आइए जानते हैं, अपने नए राष्ट्रपति के बारे में कुछ रोचक बातें।                  
 
उनके गांव के लोग बताते हैं कि रामनाथ के पिता मैकूलाल के पास शुरुआती दिनों में खेती-बाड़ी के लिए जमीन नहीं हुआ करती थी। तब वो एक परचून की दुकान चलाते थे, जहां आयुर्वेदिक दवाईयां भी दी जाती थी। कोविंद भी स्कूल से आने के बाद वहीं बैठा करते थे। परिवार वाले बताते हैं कि उनकी दुकान पर जब भी कोई ग्राहक आता था कोविंद फौरन उठकर उनके पैर छू लिया करते थे। उनके बचपन की शरारतों के नहीं बल्कि शिष्टाचार के किस्से सुने जाते हैं। 

बड़े होकर भी कोविंद ने अपने सादगी भरे स्वभाव से सबको कायल कर दिया। 1991 में कोविंद जब घाटमपुर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे। तो उन दिनों वो बड़ी गाड़ी का इंतेजाम नहीं कर पाए थे। इसलिए अपने स्कूटर से प्रचार करते थे, वो गांव-गांव अपने स्कूटर से लोगों से वोट की अपील करने जाते थे, उन दिनों उनके सादगी भरे प्रचार की खूब चर्चा हुई थी। 
 

परिवार में कोविंद को सब लल्ला कह कर पुकारते हैं। पांच भाईयों में सबसे छोटे रामनाथ परिवार के सबसे दुलारे है। इसलिए उन्हें लल्ला कहा जाता है, अब वो भले ही भारत के राष्ट्रपति बन चुके हों, लेकिन प्यार से उनके परिवार के वरिष्ठ उन्हें आज भी लल्ला कहकर पुकारते हैं। 

कोविंद के सिर से बचपन में ही माता पिता का साया उठ गया था। पांच भाईयों में सबसे छोटे कोविंद को उनके दूसरे नंबर की भाभी ने पाला-पोषा, कोविंद भी अपनी भाभी को मां की तरह प्यार और सम्मान देते हैं।
 
कोविंद आज भी अपने घर से कहीं के लिए भी निकलते हैं तो अपनी भाभी को जरूर बताते हैं। बिहार के गर्वनर रहने के दौरान भी कोविंद कहीं जाने से पहले अपनी भाभी को बता कर जाते थे। 

नव-निर्वाचित राष्ट्रपति को खाने में कढ़ी चावल पसंद हैं और वो भी अपनी भाभी के हाथ से बना हुआ। वो आज भी अपनी भाभी से मिलते हैं तो उनके लिए खासतौर पर कढ़ी-चावल बनाए जाते हैं। 

कढ़ी चावल के अलावा रामनाथ कोविंद को रसियाउर (गन्ने के रस में पकाए हुए चावल) काफी पसंद हैं, उनकी भाभी विद्यावती इसे कोविंद के शपथ ग्रहण समारोह में भी उनके लिए खास तौर पर लेकर आई थीं। 

जिन रामनाथ कोविंद का नया पता राष्ट्रपति भवन बन गया है, एक वक्त था उन्हें शिमला स्थित राष्ट्रपति ग्रीष्मकालीन आवास में घुसने की इजाजत नहीं मिली थी। आज उन्हीं के नाम पर राष्ट्रपति भवन अलॉट किया गया है। 

रामनाथ कोविंद का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर के अंतर्गत आने वाले छोटे से गांव परौंख में 1 अक्टूबर 1945 में हुआ था। राष्ट्रपति का पद संभालने से पहले वो बिहार के राज्यपाल थे। ग्रैजुएट हैं और 16 साल तक वकालत का अनुभव भी है। 

उन्होंने 1974 में शादी की, परिवार में एक बेटा प्रशांत और एक बेटी स्वाति हैं। कोविंद बीजेपी के दलित मोर्चा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।यूपी से राज्यसभा के सांसद और आपातकाल के बाद बनी सरकार में मोरार जी राव देसाई के निजी सचिव भी रह चुके हैं। 

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