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एक दौर था जब ट्रेन में सिर्फ चाय गरम्म्म्म्म.... मूंगफल्ली… चना जोर-गरम, मुरमुरे, रेवड़ी, खीरा-ककड़ी, वालों की आवाजें आती थी। सुविधा में इजाफा हुआ तो चाय, मूंगफूली के साथ समोसे, ब्रेड-पकौड़े और ऑमलेट मिलने लगा, इसी वक्त... रेलवे के मेनू में पनीर बटर मसाला और चिकन लॉलीपॉप भी चुपके से शामिल हो गया । और अब इस रेलवे के मेनू को एंडवास स्टेज पर ले जाया गया है। अब ट्रेनों में डायनासोर की नाती वाली बिरयानी यानि की छिपकली बिरयानी परोसी जा रही है।
ये मजाक लगने वाली बात बेहद गंभीर है। पूर्वा एक्सप्रेस में भक्ति भाव में डूबे यात्रियों को बकायदा छिपकली बिरयानी परोसी गई। जब इसकी शिकायत अधिकारियों और टीटी से की गई तो वो भी उबकाई लेते हुए निकल लिए। अंत में प्रभु ने ही उनकी रक्षा की, अरे वो वाले प्रभु नहीं रेलवे वाले मंत्री साहब सुरेश प्रभु। सुरेश प्रभु के आदेश के बाद मुगलसराय में छिपकली बिरयानी खाने वाले मरीजों का इलाज हुआ उन्हें दवाई-सवाई दी गईं।
जो तस्वीरें बिरयानी की सामने आ रही है उसमे साफ समझ आ रहा है कि छिपकली बिरयानी बनाने के दौरान ही गिरी है, क्योंकि बिरयानी के अंदर मिली छिपकली बिल्कुल डिप फ्राई है। बिरायानी विद क्रिस्पी लिजार्ड को सोशल मीडिया पर हाथों हाथ लिया गया।
अब अंदाजा लगाया जा रहा है कि छिपकली के बाद रेलवे की बिरयानी में और क्या सरप्राइज एलीमेंट्स हो सकता है। अंदाजे के सागर में डूबे गोताखोरों को छिपकली के बाद ऑक्टोपस और दरियाई घोड़ा तक मिल गया। जहां लोगों को सरकार की खिचाई करने का मौका मिल गया तो वहीं कुछ सरकारी भक्तों ने इसे मानवीय भूल करार देकर छौंके में इस्तेमाल होने वाली लाल मिर्च समझ कर खा लेने की बात कही है।
यात्री की बिरयानी में छिपकली का गिरना, रेलवे वालों के लिए कोढ़ में खाज वाली स्थिति बन गई। अभी सीएजी की रिपोर्ट से बिखरी छिछालेदर को रेलवे के कर्मचारी साफ कर ही रहे थे कि कि टपाक से एक छिपकली गरमा-गरम बिरयानी में टपक पड़ी, छिपकली के गिरने से बिरयानी का जो स्वाद बिगड़ा है, उससे पूरे रेलवे विभाग का मुंह कसैला हो गया।