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आपने अभी तक शादी और दूल्हे को लेकर कई किस्से सुने होंगे। किसी में दूल्हा हैलिकॉप्टर से जा रहा है तो किसी किस्से में शून्य दहेज के साथ शादी हुई। लेकिन अब इस फेहरिस्त में एक और नया किस्सा जुड़ गया है।
अब एक पर्यावरण प्रेमी ने अपनी शादी के दौरान एक मिसाल पेश की। वह दूल्हा बनकर साइकिल से बारात लेकर गया। इतना ही नहीं उसने शादी में होने वाली फिजूलखर्ची और बर्बादी रोकने के लिए भी संकल्प लिया। मामला इलाहाबाद का है।
इस दूल्हे का कहना था कि पर्यावरण की हालत दिन ब दिन बेकार होती जा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण सड़कों पर चलने वाली गाड़ियां हैं। पर्यावरण को बचाने के वैसे तो कई स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन मैंने अपनी ओर से ये छोटा सा प्रयास किया है।
बता दें कि इलाहाबाद के सोरांव तहसील के अलावलपुर गांव के रहने वाले जावेंद्र कुमार की शादी प्रतापगढ़ के मानधाता के इब्राहिमपुर गांव के भोला की बेटी चंदा देवी के साथ तय हुई थी। साइकिल से बारात ले जाने का आइडिया पर्यावरण सेना नाम से एनजीओ चलाने वाले अजय क्रांतिकारी का था।
जिसके बाद दोनों परिवारवालों को समझाया और वे इसके लिए राजी भी हो गए। इसके बाद अजय ने अपने नेतृत्व में समाज के सभी लोगों को साइकिल से बारात चलने को कहा। सभी बाराती दूल्हे के साथ इब्राहिमपुर तक गए और शादी में हिस्सा लिया। पर्यावरण के लिए अच्छा संदेश देने के साथ ही यह शादी दहेज के बिना संपन्न हुई।