बांग्लादेश का एक शख्स जिसके हाथ-पैर में पेड़ जैसी झाड़ उगती है। सुनने में भले ये आपको अटपटा लग रहा हो लेकिन ये बिल्कुल सच है। पिछले करीब दो साल में इस शख्स की 25 बार सर्जरी हो चुकी है। इसके बाद भी इस शख्स को बीमारी से छुटकारा नहीं मिला है। आप भी जानिए कौन है ये ट्री मैन और कब से वह दुनिया की इस सबसे अजीब बीमारी से जूझ रहा है।
दरअसल, बांग्लादेश में ट्री मैन के नाम से मशहूर इस शख्स का नाम अबुल बाजंदर है। दक्षिणी जिले खुलना में रहने वाले अबुल की आयु 28 साल है। उसके हाथ-पैर पर पेड़ जैसी संरचना बनती है, जो उसे बहुत परेशानी में डाल देती है।
अबुल को एपिडर्मोडिस्प्लैजिया वेरुसिफॉर्मिस (epidermodysplasia verruciformis) नाम की बीमारी है, जो दुनिया की सबसे अजीब बीमारी है। ये एक तरह का रेयर जेनेटिक स्किन डिसऑर्डर है। ये बीमारी इतनी रेयर है कि पूरी दुनिया में इस बीमारी से ग्रसित लोगों की संख्या मात्र छह है। अबुल बीमारी से जितना परेशान है, उतना ही इस बीमारी की वजह से दुनिया भर में फेमस भी हो चुका है। उसकी बीमारी पर दुनिया भर के लोगों और डॉक्टरों में बात होती है।
उसकी बीमारी ने दुनिया भर के डॉक्टरों को हैरत में डाल दिया है। इन दिनों अबुल की हालत काफी खराब है। उसके हाथ-पैर में उगने वाली पेड़ जैसी आकृति इतनी बड़ी हो चुकी है कि उनके लिए दैनिक कार्य करना भी असंभव हो चुका है। लिहाजा वह इन अनचाहे उगे पेड़ों से छुटकारा पाने के लिए अस्पताल में भर्ती हुए हैं।
इससे पहले भी 2016 में अबुल की 25 बार सर्जरी हो चुकी है। उस वक्त डॉक्टरों ने उम्मीद जताई थी कि शायद अबुल को इस बीमारी से छुटकारा मिल जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। वर्ष 2016 में अबुल की सर्जरी के बाद उसे अस्पताल में ही रखा गया था। विशेषज्ञ डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा उसका इलाज किया जा रहा था। मई 2018 में अबुल के शरीर पर दोबारा पेड़ जैसी संरचना बननी शुरू हो गई थी। इसका इलाज कराने की जगह अबुल ढाका मेडिकल कॉलेज से बिना किसी को कुछ बताए भाग गया था।
बांग्लादेश सरकार ने अबुल की बीमारी का मुफ्त इलाज करने के आदेश दिए हैं। बाजंदर ने सोमवार को एएफपी न्यूज एजेंसी को बताया कि पेड़ जैसी संरचना मेरे हाथ पैरों के नए हिस्सों में भी बढ़ने लगी है, मैंने हॉस्पिटल से भागकर गलती की लेकिन मुझे आशा है कि डॉक्टर्स मेरी बीमारी को इस बार बिल्कुल ठीक कर देंगे। उसने उम्मीद जताई कि अस्पताल प्रबंधन इसके लिए उसे माफ कर देगा। हॉस्पिटल के हेड प्लास्टिक सर्जन समंता लाल सेन ने बताया कि बाजंदर की हालत खराब है, उसे और सर्जरी की जरूरत है। बाजंदर का कहना है कि उसे पूरा भरोसा है कि एक दिन वह ठीक हो जाएगा।
वर्ष 2016 में अबुल जब अस्पताल में भर्ती हुआ था, तब उसकी उम्र लगभग 26 साल थी। उस वक्त पता चला था कि अबुल दस वर्षों से इस बीमारी से जूझ रहे हैं। उस वक्त उनकी मल्टीपल सर्जरी करने के बाद उनके शरीर का वजन 5 किलो कम हो गया था। उस वक्त उनके हाथ-पैर में दो से छह इंच तक की पेड़ जैसी संरचना बन गई थी।
अबुल का कहना है कि शुरूआत में उन्होंने खुद ही इस संरचना को काटने का प्रयास किया था, लेकिन इससे उन्हें बहुत दर्द होता था। उन्होंने काफी समय तक होम्योपैथी और आयुर्वेदिक दवा भी की। इससे स्थिति सुधरने की जगह और बिगड़ गई। उन्होंने इलाज के लिए भारत के डॉक्टरों से भी संपर्क किया था, लेकिन उनका परिवार भारत में इलाज का खर्च उठा पाने में समर्थ नहीं था। इसके बाद उन्हें बांग्लादेश सरकार से मदद मिली और ढाका मेडिकल कॉलेज में उनका मुफ्त इलाज शुरू किया गया।
आपको बता दें कि अबुल की पत्नी और एक छोटी सी बेटी है। वर्ष 2016 में सर्जरी के लिए अस्पताल में भर्ती होते वक्त अबुल ने कहा था कि वह अपनी बेटी को गोद में उठाकर खिलाना चाहता है। वह उसे पकड़ना चाहता है, प्यार करना चाहता है, लेकिन अपनी बीमारी की वजह से वह ऐसा नहीं कर पा रहा है।