विस्तार
यहां व्हॉट्सएप समेत सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले लतीफे और फनी पोस्ट्स हैं, जो आपको ठहाका लगाने के लिए मजबूर कर देंगे।
एक ही विषय पर 6 शायरों का अलग नजरिया.... जरूर पढें :-
1- Mirza Ghalib: 1797-1869
"शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर,
या वो जगह बता जहां ख़ुदा नहीं।"
....... इसका जवाब लगभग 100 साल बाद मोहम्मद इकबाल ने दिया......
2- Iqbal: 1877-1938
"मस्जिद ख़ुदा का घर है, पीने की जगह नहीं ,
काफिर के दिल में जा, वहां खुदा नहीं।"
....... इसका जवाब फिर लगभग 70 साल बाद अहमद फराज ने दिया......
3- Ahmad Faraz: 1931-2008
"काफिर के दिल से आया हूं मैं ये देख कर,
खुदा मौजूद है वहां, पर उसे पता नहीं।"
....... इसका जवाब सालों बाद वसी ने दिया......
4- Wasi:1976-present
"खुदा तो मौजूद दुनिया में हर जगह है,
तू जन्नत में जा वहां पीना मना नहीं।"
वसी साहब की शायरी का जवाब साकी ने दिया
5- Saqi: 1986-present
"पीता हूं ग़म-ए-दुनिया भुलाने के लिए,
जन्नत में कौन सा ग़म है इसलिए वहां पीने में मजा नही।".....
2018 ... Present generation
"ला भाई दारू पिला, बकवास न यूं बांचो,जहां मर्जी वही पिएंगे".....
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ससुर -- तुम दारू पियत हो
कभी बताये नाही ॥
😳😳
दामाद -- तोहार लड़की
खून पियत है, तुम बताय का??
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😡😡😡😡😂😂😂
जिन्दगी एक जंग है,
जबतक बीवी संग है.😝.😜😜😜😄😄😄😄
सीता से प्यार किया तो राम बन गये
राधा से प्यार किया तो श्याम बन गये
😍😜जबरदस्ती प्यार किया तो आशाराम......बन गये. ,. और
😇😜 चुपके चुपके प्यार किया तो बाबा राम रहीम बन गए
😊😊
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प्रस्तुत है "खीर" बनाने का देशी तरीका
एक खीरा ले 🥒
अब इसमें से "आ" की मात्रा हटा दे !
आपकी खीर 🍚 तैयार है 😝
जुड़े रहे,😎😁
आपको और भी चीज़ें बनाना सिखाएँगे
😄🤣😂🙄
🤓
और अब प्रस्तुत है "पेड़ा" बनाने का देशी तरीका
एक पेड़ ले 🌳 अब इसमें वही आ की मात्रा लगा दें जो खीरा में से निकाली । आपका पेड़ा तैयार है 😀😎