कल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक मंत्री महोदय ने अपनी स्वतंत्रता और अपने अधिकारों का प्रदर्शन कर दिखाया। इसी क साथ उसी समय एक सुरक्षा अधिकारी की स्वतंत्रता और अधिकारों की धज्जियां उड़ती दिखाई दीं। हांलाकि ये पहला मौका नहीं है जब इस तरह की कोई घटना घटी हो पहले भी नेता इस तरह की बेहूदी हरकत करते दिखाई देते रहे हैं।
तो हुआ कुछ यूं कि कल भुवनेश्वर में बीजू जनता दल के एक मंत्री ध्वजारोहण करके आगे बढ़े कि उनकी नज़र एपने जूतों पर पड़ी। जूते के फीते खुले हुए थे। उन्होंने तुरंत अपने सुरक्षा अधिकारी की तरफ़ देखा और वो तुरंत उनके फीते बांधने के लिए उनके सामने नतमस्तक हो गया। और करता भी क्या? उसके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं था।
https://twitter.com/ANI_news/status/765364915083309057और जब नेता जोगेंद्र बहरा से ये पूछा गया कि उन्होंने अपने सुरक्षा अधिकारी से इतने सारे लोगों के सामने ऐसा करने को क्यों कहा तो उन्होंने एक बहुत ही मूर्खतापूर्ण जवाब दिया। उन्होंने कहा कि, "मैं एक वी आई पी हूं, मैंने यहां झंडा फेहराया है और इसने ये (जूते के फीते बांधे हैं) किया है"... आज़ादी के दिन इन्होंने ये हरकत करके ये साबित कर दिया कि अंग्रेज़ तो चले गए, पर अपने पीछे अपनी ये घटिया आदत छोड़ गए। उनका ये भी कहना था कि अधिकारी को इन साड़ी बातों की आदत है। मतलब एक तो चोरी ऊपर से सीना-ज़ोरी।
इस घटना के बारे में जब एक बी जे डी के एक अन्य नेता सूर्यनारायण पात्रा से बात की गई तो उन्होंने उनकी बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए कहा कि उन दोनों के बीच पिता-पुत्र जैसा रिशता है। जोगेंद्र बहरा के घुटनों में तकलीफ़ है इसलिए उस अधिकारी ने उनकी मदद की।
इसके बाद सोशल मीडिया पर इस खबर का भारी विरोध हुआ।
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