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सेना और पुलिस किसी भी देश की दो सुरक्षा लेयर हैं। मौटे तौर पर पुलिस जहां आंतरिक सुरक्षा के काम आती है तो वहीं सेना बाहरी सुरक्षा यानि बॉर्डर की सुरक्षा के। लेकिन आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि दुनिया में कई ऐसे देश हैं जिनके पास अपनी कोई सेना नहीं है। कुछ देश बहुत छोटे हैं तो कुछ देशों की ज़िम्मेदारी दूसरे बड़े देश उठाते हैं।
आज हम आपको ऐसे ही 9 देशों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी अपनी कोई आर्मी है ही नहीं।
कॉस्टा रिका में साल 1948 के बाद से कोई सेना नहीं है। 1948 में इस देश में गृहयुद्ध छिड़ गया। जिसके बाद यहां के लोगों ने आर्मी को भंग कर दिया। ये बिना सेना चलने वाले बड़े देशों में आता है। यहां आंतरिक मामलों को सुलझाने के लिए पुलिस फ़ोर्स है। कॉस्टा रिका का निकारागुआ के साथ सीमा विवाद कई सालों से चल रहा है लेकिन इसके बावजूद यहां किसी तरह की सेना नहीं है।
1981 से ही इस देश में किसी तरह की कोई आर्मी नहीं है। यहां भी लोगों ने खुद ही आर्मी को भंग कर दिया था। इस देश में पुलिस आंतरिक मामलों और सुरक्षा देखती है। ज़्यादातर कैरेबियन देशों की सुरक्षा का ज़िम्मा रीजनल सिक्योरिटी सिस्टम नामक संस्था का है।
आइसलैंड में 1869 से कोई सेना नहीं है। ये नाटो का सदस्य है और इसकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी यूएस की है।
यहां सन 1968 से कोई सेना नहीं है। ये एक बहुसांस्कृतिक देश है। यहां 10,000 पुलिस कर्मी हैं और यही इसकी सैनिक सुरक्षा देखते हैं।
इस देश में सत्रहवीं सदी से ही किसी तरह की कोई सेना नहीं है। लेकिन यहां दो छोटी फ़ौजी टुकड़ियां हैं। एक राजकुमार की सुरक्षा करती है और एक नागरिकों की। इसकी सुरक्षा फ्रांस देखता है।
इस देश में 1990 से ही सेना नहीं है। लेकिन यहां एक छोटी सिक्योरिटी फ़ोर्स है जो इसकी आंतरिक एवं सीमा सुरक्षा देखती है।
एक बड़े जातीय संकट के बाद से यहां कभी किसी सेना का निर्माण नहीं किया गया। ये संघर्ष इतना बड़ा था कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैण्ड को बीच में कूदकर माहौल शांत करना पड़ा। हालांकि यहां एक बड़ी पुलिस फ़ोर्स ज़रूर मौजूद है।
अमेरिका की वजह से यहां 1983 से कोई सेना नहीं है। यहां भी पुलिस बल ही सुरक्षा का ध्यान रखता है।
ये दुनिया का सबसे छोटा देश है और यहां किसी तरह की कोई आर्मी नहीं है। नोबल गार्ड को 1970 में ध्वस्त कर दिया गया था। इतालवी सेना ही इसे सुरक्षा प्रदान करती है।