बॉलीवुड के दमदार अभिनेताओं में से एक कादर खान अब भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन फिल्मों में उनके दमदार डायलॉग्स हमेशा लोगों को याद रहेंगे। 300 से भी ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके कादर खान का 31 दिसंबर, 2018 को निधन हो गया। वो काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे और बीते 16-17 दिनों से कनाडा के एक अस्पताल में भर्ती थे। 250 से भी ज्यादा फिल्मों के संवाद लिख चुके कादर खान का हर फिल्म में एक अलग ही रूप देखने को मिलता था। उनके डायलॉग्स सुनकर ऐसा लगता ही नहीं था कि हम कोई फिल्म देख रहे हैं, ऐसे लगता था जैसे कोई व्यक्ति साक्षात हमारे सामने बोल रहा हो। उनके कुछ ऐसे ही दमदार डायलॉग्स हम आपके लिए लेकर आए हैं, जिन्हें पढ़ने के बाद आप हंसते-हंसते लोटपोट हो जाएंगे।
'तुम्हें बख्शीश कहां से दूं? मेरी गरीबी का तो ये हाल
है कि किसी फकीर की अर्थी को कंधा देता हूं तो वो
उसे अपनी इंसल्ट मानकर अर्थी से कूद जाता है।'
कादर खान का ये डायलॉग 'बाप नंबरी बेटा दस
नंबरी' फिल्म का है, जिसमें कादर खान ने एक
कॉमेडियन की भूमिका निभाई थी।
'क्या इश्क का खून किसी साहूकार के पान की
पिचकारी है? क्या तुम्हारी जिंदगी जिंदगी, हमारी
जिंदगी बीमारी है? तुम्हारा खून खून, हमारा खून
पानी है? तुम्हारा नाम नाम, हमारा नाम गाली है?
तुम करो जुल्म तो वो सरकारी है...और हम करें
फरियाद तो वो गद्दारी है?' कादर खान का ये दमदार
डायलॉग 'हम' फिल्म का है।
'मालिक, मुझे मालूम नहीं था कि आप मेरे पीछे खड़े
हैं। मैं समझा कोई जानवर अपनी सींग से खटमल्लू
चला रहा है।' हंसा-हंसाकर लोटपोट कर देने वाला
कादर खान का ये डायलॉग फिल्म 'हिम्मतवाला' का
है।
'लानत है...ना पेट में दाना है, ना लोटे में पानी है,
ना बंडल में बीड़ी है, ना माचिस में तीली है।' ये
डायलॉग भी 'बाप नंबरी बेटा दस नंबरी' फिल्म का
है, जिसमें कादर खान ने जबरदस्त एक्टिंग की थी।
'सरकार अगर इस गांव के सर हैं, तो मैं उस सर का
सींग हूं...और जो हमारी बात नहीं मानता, मैं उसे
सींग मार कर सिंगापुर बना देता हूं।' कादर खान का
ये डायलॉग फिल्म 'हिम्मतवाला' का है।