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जूही चावला आज भी बॉलीवुड की मासूमियत के रुप में पहचानी जाती है। खूबसूरत, चुलबली और हंसमुख जूही चावला का आज जन्मदिन है। 48 साल की हो चुकीं जूही चावला जहां दर्शकों के दिल में खास जगह रखती है वहीं उनकी जिंदगी कई उतार-चढ़ावों से गुज़र चुकी है। जानिए जूही की जिंदगी से जुड़ी दिलचस्प बातें :
यूं ही भर दिया फेमिना मिस इंडिया का फॉर्म
पंजाब के अंबाला में 13 नवंबर 1967 को चावला परिवार में जन्मीं जूही दिल्ली होते हुए मुंबई पहुंची। पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहीं जूही की फिल्मों में आने की कोई योजना नहीं थी। उन्होंने कॉलेज में पढ़ाई के दौरान यूं ही फेमिना मिस इंडिया के लिए फॉर्म भरा था।
जीता 'बेस्ट नेशनल कॉस्ट्यूम्स' पुरस्कार
जूही ने साल 1984 में 'मिस इंडिया' की खिताब जीता। बाद में जूही 'मिस यूनीवर्स' प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का मौका मिला। इस प्रतियोगिता में उन्हें 'बेस्ट नेशनल कॉस्ट्यूम्स' पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जिसके बाद कई विज्ञापन फिल्मों में मॉडिलग काम करने का अवसर मिला।
असफल रही पहली फिल्म
जूही चावला ने अपने सिनेमा करियर की शुरुआत वर्ष 1986 में प्रदर्शित फिल्म 'सल्तनत' से की। फिल्म 'सल्तनत' की असफलता के बाद जूही चावला को हिंदी फिल्मों में काम मिलना बंद हो गया। इस बीच उन्होंने रोशन तनेजा के अभिनय प्रशिक्षण स्कूल में तीन महीने का प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस बीच जूही चावला ने दक्षिण फिल्मों की ओर अपना रुख किया। वर्ष 1987 में प्रदर्शित कन्नड़ फिल्म प्रेमालोक जूही चावला के करियर की पहली हिट फिल्म साबित हुई।
'कयामत से कयामत तक' बनी किस्मत
लगभग चार वर्ष तक मायानगरी मुंबई में संघर्ष करने के बाद 1988 में नासिर हुसैन के बैनर तले बनी फिल्म 'कयामत से कयामत तक' में आमिर खान के साथ आई जूही को बड़े पर्दे पर जबरदस्त सफलता हासिल की। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये उन्हें उस साल नवोदित अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार प्राप्त हुआ। इसके अलावा वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार के लिये भी नामांकित की गईं।
लगातार हिट्स
1990 का दशक जूही के लिए काफी अच्छा रहा इस दशक में 1990 में 'प्रतिबंध' और 'स्वर्ग', 1992 में 'बोल राधा बोल' और 'राजू बन गया जेंटलमैन' जैसी हिट फिल्में दीं। राजनीति से प्रेरित फिल्म 'प्रतिबंध' में जूही अपने दमदार अभिनय के लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार के लिए नामांकित भी की गईं।
शादी की बंधन
1995 में जूही चावला ने उद्योगपति जय मेहता के साथ शादी कर ली।
जब मां को खो दिया
इस दौरान जब जूही अपने करियर की ऊंचाइयां छू रहीं थीं, दूसरी ओर उनके व्यक्तिगत जीवन में उन्हें कई बड़े झटके लगे, जिनसे वह टूट गईं। 1998 में जब वह 'डुप्लीकेट' की शूटिंग पर थीं, उनकी मां मोना का एक दुर्घटना में निधन हो गया।
निर्माता के तौर पर रही फ्लॉप
वर्ष 1999 में जूही चावला ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया और शाहरुख खान के साथ मिलकर 'ड्रीम्स अनलिमिटेड' बैनर की स्थापना की । इस बैनर के तहत उन्होंने 'फिर भी दिल है हिंदुस्तानी', 'अशोका', 'चलते चलते' जैसी फिल्मों का निर्माण किया।ड्रीम्स अनलिमिटेड प्रोडक्शन के बैनर की पहली फिल्म थी फिर भी दिल है हिंदुस्तानी जो असफल रही।
पिता और भाई ने कह दिया अलविदा
इसके बाद उनके पिता का भी लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। साल 2010 में उनके भाई बॉबी स्ट्रोक पड़ने के बाद कोमा में आ गए। साल 2014 में 9 मार्च को उनका निधन हो गया। निजी जिंदगी और पेशेवर जिंदगी में इतने उतार-चढ़ावों के बावजूद जूही चेहरे पर मुस्कान लिए आगे बढ़ती रहीं।
किंग खान हैं सबसे अच्छे दोस्त
जूही चावला बॉलीवुड में किंग खान शाहरुख़ की सबसे अच्छी दोस्त हैं।