Home Feminism Civil Service Exam 2016 50th Rank Holder Surabhi Gautam Success Story Will Inspire You

टाट पट्टी वाले स्कूल से पढ़कर IAS बनी सुरभि, प्रेरणादायी कहानी पढ़कर आपका भी हौसला बढ़ेगा

Updated Mon, 27 Nov 2017 09:45 AM IST
विज्ञापन
Surabhi Gautam
Surabhi Gautam - फोटो : Facebook
विज्ञापन

विस्तार

अक्सर ऐसा देखा जाता है, असफल होने के लिए हम कई चीजों को जिम्मेदार ठहरा देते हैं। कभी संसाधनों की कमी तो कभी मौकों के अभाव को। लेकिन सच्चाई ये है कि जिसे ऊंची उड़ान भरती होती है उसे हवा के रुख से ज्यादा अपने पंखों पर भरोसा होता है। ऐसी ही कुछ कहानी है मध्य प्रदेश के सतना की रहने वाली सुरभि गौतम की। 2016 की सिविल सर्विसेज में 50वीं रैंक हासिल करने वाली सुरभि गौतम की कहानी उन सबके के लिए एक हौसले की तरह है जो आगे बढ़ने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं।

टॉप करने की आदत सुरभि ने बचपन से ही डाल ली थी। पहली नींव दसवीं परीक्षा में रखी जब बोर्ड के एग्जाम में उनके 93.5 फीसदी अंक आए। हाईस्कूल के परीक्षा में अपने अंकों को देखने के बाद सतना के अमदरा नाम के छोटे से गांव में रहने वाली लड़की ने ठान लिया था कि वो एक दिन इस देश की सर्वोच्च परीक्षा में भी सफलता हासिल कर के ही मानेगी। 

सुरभि ने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई अमदरा के स्कूल से की। सरकारी स्कूल में न तो क्लास की व्यवस्था थी और न ही स्कूल में टीचर आते थे। जिस गांव में उनका बचपन बीता वहां लाइट की व्यवस्था नहीं थी लेकिन वो लालटेन की रौशनी से ही सफलता का रास्ता बनाती चली गईं। 12वीं के बाद स्टेट इंजीनियरिंग एग्जाम में भी जबरदस्त सफलता हासिल करते हुए सरकारी कॉलेज में दाखिला लिया। टॉप करने की आदत यूनिवर्सिटी की शहरी हवा में भी नहीं छूटी और यूनिवर्सिटी की भी टॉपर बनीं। 

कॉलेज के बाद सुरभि ने BARC जैसा टफ इंटरव्यू क्लियर किया। यहां वो बतौर न्यूक्लियर साइंटिस्ट जुड़ी रहीं। हालांकि सुरभि का प्लेसमेंट टीसीएस में भी हुआ था लेकिन सपने बड़े थे इसलिए टीसीएस के बजाय BARC का एग्जाम क्लियर किया। इसके बाद GAIL, ISRO, MPPSC, SSC के एग्जाम भी क्लियर किए लेकिन उन्होंने खुद से वादा किया था कि अपना 25वां बर्थ-डे मसूरी के LBSNAA (लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अकेडमी अॉफ एडमिनिस्ट्रेशन) में मनाएंगी और वो अपने सपने को साकार करने में सफल भी रहीं। 

IAS में 50वीं रैंक से पहले सुरभि ने IES एग्जाम में फर्स्ट रैंक भी हासिल की थी लेकिन तैयारी पक्की थी तो IAS के एग्जाम का ही इंतजार किया। सुरभि ने बताया कि एक वक्त में जब वो गांव से निकलकर शहर में आईं तो उनके सामने अंग्रेजी एक बड़ी समस्या थी। अंग्रेजी पर उन्होंने इतनी मेहनत की, कि आज वो सपने भी अंग्रेजी में देखती हैं। 

सुरभि के सफलता के सफर तब और मुश्किल हो गया जब उन्हें किसी बीमारी ने पकड़ लिया। वो बताती हैं कि बीमारी के दौरान उन्हें हैवी डोज के इंजेक्शन हर 15 दिन पर लगते थे। जिसकी वजह से वो इंजेक्शन लगने के 3-4 दिन तक बुखार में तपती रहती थीं। लेकिन इस दौरान सुरभि ने अपनी पढ़ाई डिस्टर्ब नहीं होने दी। 


विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree