Home Bollywood Lailaa O Laila Melody Mangalwar

मेलोडी मंगलवार: लैला ओ लैला ऐसी तू लैला, यहां आकर 'गब्बर' ड्रम बजा रहा था

Updated Tue, 26 Jul 2016 03:58 PM IST
विज्ञापन
zeenat
zeenat
विज्ञापन

विस्तार

आज से हर मंगलवार हम आपको अपने पुराने दिनों की सैर पर ले जाएंगे। जिसके लिए हमने सोचा है बॉलीवुड के वो गाने सबसे ज्यादा सही होंगे जो हम पहले गुनगुनाते रहते थे। और इस कड़ी को हमने नाम दिया है, 'मेलोडी मंगलवार'। गाने और उनके पीछे के कुछ किस्से... 

15 अगस्त 1975 को एक फिल्म रिलीज़ हुई थी। नाम था शोले। यह फिल्म और इसके सभी केरेक्टर हिन्दुस्तान के फिल्म इतिहास में अमर हो गए। हिन्दुस्तानी लौंडों की ज़बान को एक नया स्टाइल मिल गया था। ये कभी जय हो जाता था, तो कभी वीरू तो कभी बनता था 'गब्बर'। शोले का ज़िक्र क्यों किया है, ये आगे बताऊंगा।
इसके ठीक 5 साल बाद साल 1980 में। फ़िरोज़ खान, ज़ीनत अमान और विनोद खन्ना की एक फिल्म आई थी। फिल्म का नाम था कुर्बानी। फ़िरोज़ खान ने इस फिल्म को खुद डायरेक्ट भी किया था और प्रोड्यूस भी।  फ़िरोज़ खान वही हैं, जो वेल-कम में आरडीएक्स बने थे। अच्छा, फिल्म बॉक्स ऑफिस पर उस साल की सबसे बड़ी हिट थी। फिर समय बीता लोग फिल्म को भूल गए। लेकिन नहीं भूले तो एक गाना। जो आज भी अगर बज जाए तो पैर अपने आप ही थिरकने लगते हैं। ये ज़ीनत अमान का वक़्त था। जब वो परदे पर आती थीं तो सिनेमा हॉल सीटियों से गूंजता था।
उस ज़माने में जो लड़के पढ़ते थे और कहीं बाहर हॉस्टल में रहते थे उनके कमरे की ख़ूबसूरती ज़ीनत ही बढ़ाती थीं। वैसे तो राज कपूर साहब ने अपने फिल्मों में बिकिनी को लेकर खूब प्रयोग किए थे। लेकिन ज़ीनत अमान के आने के बाद बॉलीवुड अब बिकिनी को परदे पर उतारना सीख गया था।
पहले ये गाना सुनिए और मज़े कीजिये..

गायक हैं: कंचन जी और अमित कुमार संगीत है: कल्याण जी और आनंद जी का

और गाने के बोल हैं:  इंदीवर के

https://youtu.be/E-7qm4WeH9Q

गाना देख लिया सुन लिया। कुछ ख़ास दिखा? मैंने शोले का ज़िक्र किया था! इस गाने में एक आदमी है, जो बीच में दिखता है। लम्बे बाल, सुलझी हुई दाढ़ी लिए वो ड्रम पीटता है। और ज़ीनत को अपनी आंखों से देखते हुए कहता है, "लैला ओ लैला..ऐसी तू लैला, हर कोई चाहे तुझसे मिलना अकेला"। यह आदमी कोई और नहीं, फिल्म शोले का गब्बर है। अमज़द खान साहब। अमां बहुत जल्दी भूल जाते हो। एक बार फिर से सुनिए। खुद देख लीजिए।

  gabbar

'मेलोडी मंगलवार' आपको उन दिनों की सैर पर ले जाने की कोशिश है, जब टीवी पर दूरदर्शन देखते हुए हम चित्रहार सुना करते थे।

इस कड़ी के लिए कोई सुझाव हो तो स्वागत है...


विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree