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कभी एक मधुर सी धुन तो कभी रॉक सॉलिड बेस। कभी-कभी यह महसूस होता है कि संगीत सीधे आपके दिल से बोल सकता है। ऐसी भाषा में जिसे आप नहीं जानते, लेकिन आपकी भावनाएं समझती हैं।
ऐसा लगता है कि संगीत कोई भाषा है, भावों की भाषा। इसके अलावा तकनीकी तौर पर भी संगीत भाषा ही है। थोड़ा ध्यान दीजिए पाएंगे कि संगीत में भी भाषा की तरह ही जटिलताएं और प्रक्रिया है। एक मधुर ध्वनि आपके कानों को रस देती है तो कर्कश आपको उतना ही पीड़ित सा करती है। इस तरह ये लगता है कि संगीत वाकई एक भाषा है।
तो अगर संगीत एक भाषा है, तो यह यह अर्थ कैसे व्यक्त करता है ? आखिरकार, इसमें कोई शब्द नहीं हैं, है ना? आप पाएंगे कि बहुत ही बुनियादी स्तर पर, हमारा शरीर किसी भी तेज संगीत या ध्वनि के प्रति तुरंत सक्रियता दिखाता है। वहीं, बहुत सी चीजें ऐसी हैं जिनमें हम अलग-अलग ध्वनि का इस्तेमाल कर संदेश को अर्थ देते हैं।
मसलन, मां की लोरी आपको मीठी यादों में ले जा सकती है तो एक गीत आपको अपनी बिछड़ी प्रेमिका की याद दिला सकता है।
इसके अलावा एक थ्योरी भी है। जो कि ये बात साबित करती है कि संगीत आपको भावोद्विलत करने के लिए काफी है। थ्योरी है कि अलग-अलग प्रकार का संगीत अलग-अलग प्रकार की तरंगे पैदा करता है। तरंगों में यह भेद मस्तिष्क पकड़ लेता है और उसी हिसाब से प्रतिक्रिया देता है।
अगर आपको यकीन न हो रहा हो कि संगीत से कैसे हम भावुक हो जाते हैं। तो हमने आपके लिए एक ऐसा ही वीडियो खोजा है। जो कि इस बारे में आपका ज्ञान वर्धन करेगा।