विस्तार
आप ट्रेन और प्लेन के बीच का अंतर बखूबी समझते होंगे। लेकिन पाकिस्तानी एयरलाइन्स नहीं समझती। या फिर यूं कहें कि उनकी एयरलाइन्स की हालत इतनी खराब है कि उन्होंने प्लेन से भी ट्रेन का काम लेना शुरू कर दिया है। शायद यही वजह है कि पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन्स ने ऐसा बेवकूफ़ी भरा काम किया है।
हुआ यूं कि सऊदी अरब जा रहे एक प्लेन में 7 लोगों ने 3 घटें तक खड़े होकर सफ़र किया। जैसे अक्सर कन्फर्म टिकेट न होने पर लोग ट्रेन में करते हैं। ऐसा उन्होंने अपनी मर्ज़ी से नहीं बल्कि क्रू के कहने पर किया या यूं कह लीजिए कि वो ऐसा करने के लिए मजबूर थे।
ये कोई मज़ाक की बात नहीं है। आप ये सोचिए कि जब एक पैसेंजर को सीट बेल्ट की ज़रूरत पड़ती है यानी टेक ऑफ और लैंडिंग के समय, तो इन 7 लोगों ने उस वक़्त क्या किया होगा! आपको पता है कि अगर प्लेन को किसी तरह की इमरजेंसी का सामना करना पड़ता तो इन 7 लोगों के लिए ऑक्सीजन का भी प्रबंध न हो पाता।
उन 7 यात्रियों ने इस बात का विरोध किया लेकिन उन्हें बैठने की जगह नहीं मिली। अब ये बात तो पक्की है कि उन्होंने टिकेट ज़रूर खरीदे होंगे। इस बात की शिकायत की गई है लेकिन एयरलाइन्स के खिलाफ़ अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। सबसे बड़ी बात ये कि जब उन यात्रियों ने प्लेन से उतरना चाहा तो क्रू ने उतरने भी नहीं दिया।
पाकिस्तान में जो हो वो कम है।