विस्तार
दुनिया में शायद ही कोई ऐसा आदमी होगा जो पूरे दिन खुश रहता होगा। दिन में कोई न कोई ऐसा पल जरूर आता होगा जिस वक्त झुंझलाहट, प्यार और अच्छे बनने की परत को फाड़कर बाहर निकल आती है। घर हो, दफ्तर हो या फिर सड़क पर खड़े हो, कभी न कभी ऐसा पल जरूर आता है जब गुस्सा आ ही जाता है। गुस्से में आदमी किसी न किसी को जरूर कोसता है। हमने भी काफी कोशिश के बाद ये समझने की कोशिश की है कि गुस्से में आदमी किस किस को कोसता है। तो आइए नजर डालते हैं।
बॉस नाम का ताज होता ही ऐसा है कि ये जिसके सिर पर सजता है वो किसी को पसंद नहीं आता है। ऑफिस बड़ा हो या फिर छोटा, बॉस हर जगह बॉस ही होता है… वो बिल्कुल शिकारी की तरह मौका मिलते ही निशाना लगा देता हैं। एंप्लाय… और कुछ तो नहीं कर पाता है इसलिए दिन भर में जब एक आध मौका मिलता है गुस्सा उतार ही लेता है। इसीलिए कोसे जाने वालों की लिस्ट में बॉस को टॉप पर रखा गया है।
सुबह का अखबार खोलने से लेकर रात में आखिरी समाचार देखने तक, एक न एक मौका हर इंसान को मिल ही जाता है जब वो पुलिस वालों को कोस दे।
चाहे किसी कि भी गलती से ट्रैफिक लगा हो, कोसा सिर्फ ट्रैफिक पुलिस वाला ही है। अगर वो सख्ती से नियम का पालन करते हुए किसी का चलान काट दे, तो भी कोसने वाले मौका नहीं छोड़ते।
नेताओं के साथ भी कुछ ऐसा ही है, पुलिस वालों की तरह इन पर भी हर गुस्से की गाज गिरती है। अखबार खोला हो या फिर सोशल मीडिया पर टाइम लाइन स्क्रॉल की जा रही हो, नेता जी पर किसी का भी गुस्सा फूट सकता है।
समाचार चैनल हो या फिर म्यूजिक का कोई चैनल। इन पर भी लोगों का गुस्सा पूरे दिन निकलता है। फिर चाहे विज्ञापन का मामला हो या फिर कोई कंटेंट दिखाने का। पसंद का मामला नहीं है तो कोसा जाएगा ही जाएगा… कोई रोक ही नहीं सकता।