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ये बजट तैयार होता कैसे है और इसका हलवा पार्टी से क्या लेना देना?

Shivendu Shekhar/firkee.in Updated Wed, 01 Feb 2017 03:57 PM IST
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बजट - फोटो : source
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आज हिंदुस्तान के सारे चैनल बजटमय दिख रहे हैं। आपने भी देखा ही होगा। सुबह से ही बजट..बजट और बजट। कल के बाद सब सो जाएंगे। आप कितनी भी कोशिश कर लें। बजट पर अगला टेलीवीजन सत्र आपको अब 2018 में ही मिलेगा। लेकिन उससे पहले एक और सवाल है। जिसका जवाब शायद आपको ना पता हो। क्या? बजट पेश तो हो गया। तैयार कैसे होता है? और अगर इतने ही गुप्त कागजात होते हैं तो फिर उन अधिकारियों का क्या जो इसे तैयार करते हैं? उन स्टाफ़ का का क्या जो इसे छापने का काम करते हैं? क्या वो इसे लीक नहीं कर सकते? फिर इन सब से बचते कैसे हैं? 
 

अब सुनिए जवाब...? 


सबसे पहले ये यूनियन बजट होता क्या है? ये एक तरह से देखा जाए तो सरकार के पूरे साल का खर्चे और आमद का हिसाब किताब होता है। 1 फ़रवरी दिन बुधवार को यूनियन बजट संसद(लोकसभा) में पेश किया गया। एक ख़ास बात थी इस बार, रेल और आम दोनों ही बजट एक साथ पेश किया गया।  

 



देखिए, फाइनेंस मिनिस्ट्री को समझ लीजिए वो कुबेर है। उसके पास पूरा सरकारी ख़जाना है। अब इसे उन पैसों को खर्च करना होता है। जिसका इस्तेमाल करके देश के विकास में लगाया जा सके। अब इसके लिए फाइनेंस मिनिस्ट्री बाकी के मिनिस्ट्री को एक सर्कुलर भेजती है। जिसमें उनसे आने वाले साल के लिए उनकी क्या-क्या तैयारी है। उसमें कितना खर्च आने का अनुमान है। इसके हिसाब से एक लैटर मांगा जाता है। जिसमें वो सरकार से अपने डिपार्टमेंट के लिए कुछ पैसों की मांग करते हैं। ये सर्कुलर सितम्बर के महीने में ही जारी कर दिया जाता है। जिससे उनके पास आने वाले साल के लिए एक रिवाईज्ड बजट तैयार करने का पूरा वक़्त होता है।  

मतलब कायदे से अगर देखा जाए तो बजट की तैयारी आने वाले साल के लिए पिछले साल के सितंबर महीने में ही शुरू हो जाती है। 

इसके बाद बजट की जब हर तरफ से तैयारी पूरी हो जाती है। उसके कुछ दिन पहले सभी बड़े अधिकारी और सांसदों को एक हलवा पार्टी पर बुलाया जाता है। जिसके बाद तैयार बजट की छपाई का काम शुरू होता है। और इस काम में लगे जितने भी अधिकारी या स्टाफ़ होते हैं, इस हलवा पार्टी के बाद से उन्हें तब तक अपने परिवार और दुनियादारी से दूर रखा जाता है, जब तक कि वित्त मंत्री लोकसभा में बजट पेश ना कर दें। इसके बाद ही इन लोगों को वहां से छोड़ा जाता है।

ये कोई नज़रबंदी नहीं है। एक नियम है। जिससे कि बजट में आने वाली जो बातें हैं वो पहले ही सामने ना आ जाएं!  

और कोई सवाल हो ऐसा। जिसका जवाब ढूंढना मुश्किल हो रहा हो। और रोचक सवाल हुआ तो जरूर उसकी एक स्टोरी तैयार की जाएगी! सवाल कमेंट बॉक्स या मेसेज बॉक्स में डाल सकते हैं! 


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