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Ajab Gajab: गोरा बच्चा पैदा होने पर कर दी जाती है हत्या, भारत के इस प्रदेश में है ऐसी क्रूर परंपरा

टीम फिरकी, नई दिल्ली Published by: ज्योति मेहरा Updated Fri, 03 Feb 2023 11:35 AM IST
सार

अंडमान में रहने वाली 'जारवा' नाम की एक जनजाति बेहद क्रूर प्रथा का पालन करती है, जहां गोरे रंग का बच्चा पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है।
 

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यहां गोरा बच्चा पैदा होते ही कर दी जाती है हत्या
यहां गोरा बच्चा पैदा होते ही कर दी जाती है हत्या - फोटो : istock
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विस्तार

Jarwa kills children with fair skin: ज्यादातर मां-बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा खूबसूरत और गोरे रंग का हों। बच्चों का रंग साफ करने के लिए गर्भवती महिलाएं तरह-तरह के नुस्खे अपनाती हैं। वहीं बच्चे के जन्म के बाद भी मां-बाप उसका रंग साफ करने के लिए कई तरीके आजमाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में एक ऐसा भी समुदाय है, जहां पर गोरे बच्चों को स्वीकार नहीं किया जाता है? इस समुदाय के लोगों के लिए गोरे बच्चे पैदा करना पाप समान है। इतना ही नहीं आपको जानकर हैरानी होगी कि अगर यहां पर कोई गोरे रंग का बच्चा पैदा होता है तो उसे मार दिया जाता है। दरअसल, भारत के केंद्र शासित प्रदेश अंडमान में 'जारवा' नाम की एक जनजाति रहती है। यह दुनिया की सबसे पुरानी जनजातियों में से एक है, जहां एक क्रूर प्रथा प्रचलित है। यदि यहां किसी के घर में गोरे रंग का बच्चा जन्म लेता है, तो उसे मार दिया जाता है। ये लोग गोरे बच्चे को अभिशाप समझते हैं।

यह है क्रूर परंपरा?
जारवा जनजाति मूल रूप से अफ्रीका के निवासी माने जाते हैं। इस जनजाति में ज्यादातर लोग काले रंग के हैं। ऐसे में यदि इनके यहां कोई महिला गोरे बच्चे को जन्म देती है, तो उसे तभी मार दिया जाता है। इन लोगों का मानना है कि यदि बच्चा गोरे रंग का है तो वह किसी और जनजाति से ताल्लुक रखता है। इस जनजाति में एक और अनोखी परंपरा यह है कि यहां पैदा होने वाले बच्चे को पूरे कबीले की महिलाओं का दूध पिलाया जाता है। इसको लेकर जारवा जनजाति की मान्यता है कि इससे समुदाय की शुद्धता बरकरार रहती है।

रिपोर्ट की मानें तो जारवा जनजाति 90 के दशक में सामने आई, लेकिन भारत सरकार ने इन लोगों की तस्वीरों खींचने या सोशल मीडिया पर साझा करने को लेकर सख्त कानून बनाए हुए हैं। यदि कोई इनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल करता है तो उसे सजा मिल सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

जारवा जनजाति में अंधविश्वास की जड़ें बहुत गहरी हैं। इन लोगों का मानना है कि अगर किसी गर्भवती महिला को जानवर का खून पिलाया जाए तो बच्चा काला का पैदा होगा। इनके समाज में केवल काले रंग के बच्चों को ही स्वीकार किया जाता है। 
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