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आखिर क्यों धोनी हम सब के स्टार हैं?

Apoorva Pandey/ firkee.in Updated Sat, 04 Mar 2017 02:53 PM IST
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s - फोटो : NDTV sports
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माही हम सब के दिलों पर राज करते हैं। और करें भी क्यों न, वो हैं ही कैप्टेन कूल। कहते हैं कि जब एक व्यक्ति कामयाबी के शिखर पर होता है तो उसके पांव ज़मीन पर नहीं पड़ते हैं। लेकिन धोनी के विषय में ये कहना बिल्कुल भी सही नहीं होगा। कैप्टेन धोनी की ख़ासियत इसी बात से पता चलती है कि पूरे देश ने उन्हें पर्मानेंट कैप्टेन मान लिया है।

उन्होंने कैप्टेनसी तो छोड़ दी है लेकिन लोग इस बात को हज़म ही नहीं कर पा रहे हैं। विराट कोहली की कप्तानी में खेले गए मैच के दौरान कमेंटेटर भी बड़ी गलतियां कर देते थे। वो आज भी धोनी को कैप्टेन धोनी कहकर बुलाते हैं। अब वो ऐसा गलती से करते हैं या जान बूझकर ये तो वही जानते हैं।
 

कप्तान धोनी एक छोटे शहर से आते हैं। उन्होंने बहुत मेहनत से ये मुकाम हासिल किया है। अपने निरंतर प्रयास से वो अपने आगे आने वाली सारी कठिनाइयों को पार करते गए और अपने जीवन में आगे बढ़ते गए। लेकिन आज भी वो इस बात को भूले नहीं है कि उनकी जड़ें कहां हैं। 

उन्होंने कई मौकों पर ये साबित कर दिया है कि वो आज भी ज़मीन से उसी तरह जुड़े हुए हैं जैसे वो अपने शुरुआती दिनों में थे। आमतौर पर सेलिब्रिटी आम लोगों से दूर भागते हैं लेकिन धोनी के साथ ऐसा नहीं है। एक बार रांची की एक लड़की ने धोनी के साथ सेल्फी लेने के लिए उनका काफ़ी देर तक पीछा किया जब ये बात धोनी को पता चली तो उन्होंने उसका मन रखते हुए उसके साथ सेल्फी ली।
 

नेशनल टीम की कप्तानी को छोड़ने के बाद धोनी को विजय हज़ारे ट्रॉफी के लिए झारखंड टीम का कप्तान बनाया गया। ये टीम ट्रेन से कहीं जा रही थी ऐसे में धोनी ने प्लेन से जाने से साफ़ मना कर दिया और वो अपने साथियों के साथ ट्रेन से ही गए। इस बात का पता चलने पर उनके सभी फैंस काफ़ी खुश हुए और उन्होंने इस बात के लिए धोनी की तारीफ़ भी की।

धोनी के बारे में एक बात और मशहूर है कि नेशनल टीम में चयन होने के बावजूद वो अपने पुराने साथियों  को नहीं भूले। वो कप्तान बनने के बाद भी क्लब के साथियों के साथ प्रैक्टिस किया करते थे। आमतौर पर लोग जब किसी बड़े ओहदे पर होते हैं तो वो अपने पुराने साथियों को भूल जाते हैं लेकिन धोनी के साथ ऐसा बिल्कुल नहीं है।
 

धोनी ने 2 विश्वकप जिताए लेकिन विनिंग सेरेमनी की तस्वीरों में वो अपनी टीम से अलग ही नज़र आते थे। अगर आप 2007 और 2011 के विश्वकप की तस्वीरें देखें तो ये साफ़ हो जाएगा कि उन्होंने जीतने पर कभी अपना आपा नहीं खोया बल्कि हमेशा ही बहुत संयमित दिखाई दिए।

आमतौर पर हम ये देखते हैं कि कुछ खेल ऐसे भी होते हैं जहां खिलाड़ियों के बीच हाथापाई तक हो जाती है। खुद क्रिकेट में भी कई बार खिलाड़ी आपस में भिड़ते नहीं नज़र आते हैं। एक बार भारत का मैच साउथ अफ़्रीका के साथ था। सामने वाली टीम लगातार रन बना रही थी। तभी डुप्लेसिस ने एक ज़ोर का छक्का मारा।
 

उन्होंने छक्का मारते समय ऐसा ज़ोर लगा दिया कि वो झट से नीचे गिर पड़े और उनके पैर में मोच आ गई। पूरी भारतीय टीम दबाव में थी, भारतीय फैंस भी दबाव में थे। लेकिन कैप्टेन कूल का मिज़ाज हमेशा की तरह बहुत शांत था। उन्होंने तुरंत ही बल्लेबाज़ की मदद की। इससे पहले की सामने वाली टीम का फ़ीजियोथेरेपिस्ट मैदान में आता, धोनी ने खुद ये भूमिका निभाई।

इस बात के लिए धोनी की काफ़ी तारीफ़ हुई और हो भी क्यों न भला इससे पहले किस कैप्टेन ने अपने खिलाफ़ बन रहे रनों के दबाव के बावजूद किसी की मदद की होगी। धोनी ने ऐसा करके खेल की भावना को जगाए रखा। जहां आज लोग क्रिकेट को किसी युद्ध से कम नहीं समझते वहीं धोनी ने ऐसा करके ये साबित कर दिया कि खेल के दौरान सामने वाले को एक खिलाड़ी की तरह ही देखा जाना चाहिए और यहां किसी तरह के द्वेष की कोई जगह नहीं है।
 

धोनी को आज भी अपने पुराने नाई से बाल कटवाना पसंद है। धोनी चाहें तो दुनिया के बड़े से बड़े सैलून में जा सकते हैं, जाते भी होंगे। लेकिन ऐसा करके वो शायद खुद को ये याद दिलाना चाहते हैं कि जीवन की सच्चाई क्या है। हमारा भारत चंद अमीर लोगों से नहीं बना बल्कि छोटे-छोटे काम करने वाले लोग ही आज भी हमारे देश की जान हैं।

जब धोनी भारतीय रेलवे में टीटी के रूप कार्यरत थे तो वो कोलकाता में एक जगह चाय पीने जाया करते थे। अभी कुछ दिनों पहले वो वहां गए और तुरंत ही उस चाय वाले को पहचान गए। न सिर्फ़ उन्होंने उससे बात की बल्कि उसे खाना खिलाने एक बड़े होटल में ले गए।
 

ये छोटी-छोटी बातें भले ही किसी को दिखावा लगें लेकिन इससे कई बार इंसान की शख्सियत का पता चलता है। धोनी तो वैसे भी अपने साधारण स्वभाव के लिए मशहूर रहे हैं। लेकिन ये ऐसे कुछ वाकये थे जिनके बाद कोई भी उनको पसंद किए बगैर नहीं रह सकता। जो लोग ज़रा सी सफलता में हवा में उड़ने लगते हैं, धोनी ऐसे लोगों के लिए एक उदाहरण हैं।

धोनी ने आते ही हम सब पर अपना एक जादू चला दिया था जो आज तक कायम है। और यकीनन ये हमेशा कायम रहेगा। हम आशा करते हैं कि कैप्टेन कूल ऐसे ही अपने जीवन में दिन दोगुनी और रात चौगुनी तरक्की करते जाएं।
 

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