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हम हिंदुस्तानी आशावादी होते हैं। भविष्य की चिंता हमें आगे की सोचने के लिए मजबूर करती है। अभी जो हो रहा है उसे एंज्वॉय करने के बजाय हम आगे की चर्चा ज्यादा करते हैं। मिसाल के तौर पर 12वीं की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट से दुनिया पूछती है भईया आगे क्या इरादा है। स्टूडेंट अलग सोच रहा होता है कि यार पहले ये क्लास तो पास हो जाऊं। शादी की बधाई देने वाले इमरती और केसर दूध का आनंद लेते हुए बातें करते है कि अगले साल तक तो गुड न्यूज भी आ जानी चाहिए ।
बिग बॉस, आइपीएल, बोर्ड एग्जाम, नौकरी, शादी कुछ भी हो… बात नेक्स्ट लेवल की हो जाती है। इसी कड़ी में हम भी कुछ नेक्स्ट सोच रहे हैं। यही कि जो एप बेस्ड कैब सर्विसेज चल रही हैं उनका नेक्स्ट लेवल क्या हो सकता है।
कैब सर्विस वाले पहले टैक्सी ले कर आए। फिर उसमें ऑटो और ई-रिक्शा जोड़ दिया। और अब दिल्ली नोएडा में बाइक टैक्सी भी चलने लगी है।
लगता है कि कुछ ही दिनों टैक्सी सर्विस वाले, हमें साइकिल सर्विस भी देंगे। ड्राइवर साइकिल से आएगा, पीछे करियर पर बिठाकर गंतव्य तक पहुंचाएगा। अगर आपका वजन ज्यादा है तो साइकिल ड्राइवर नहीं चलाएगा, आपको चलानी पड़ेगी।
हो सकता है एप बेस्ड टैक्सी सर्विस वाले ह्युमन टैक्सी का भी इंतजाम कर दें। इसमें एक आदमी आपके साथ राह का हमसफर बनकर चलेगा। वो अपने साथ पानी, जूस और छाता लेकर आएगा। रास्ते में आप बोर न हो इसके लिए वो रास्ते भर मस्खरी करेगा। आपकी पसंद के गाने गाएगा और तो और अगर आपका मूड चेंज करना हो, तो आपकी फरमाइश के अनुसार कहानियां, कविताएं और गाने सुनाएगा। हल्की-फुल्की सवारियों को तो वह आदमी गोद में उठाकर पहुंचा देगा।
बैलगाड़ी टैक्सी सर्विस का आइडिया भी सुनने में आ सकता है। जिस तरीके से Jio की कृपा गांव-गांव तक पहुंची है। उसके बाद बैलगाड़ी और तांगा गाड़ी भी उपलब्ध होगी। प्रदूषण फ्री व्हीकल्स के लिए सरकार से सब्सिडी भी मिल जाएगी।
(इस लेख का उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन है, इस तरह की सर्विस का दावा किसी भी टैक्सी सर्विस की तरफ से नहीं किया गया है।)