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पाकिस्तान के चुनाव की सरगर्मी हिंदुस्तान में भी ठीक ठाक देखने को मिल रही है। दिल्ली एनसीआर में हुई मूसलाधार बारिश के बाद तो लोगों के पास इस पर बात करने का टाइम भी मिल गया। अब इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद पाक की क्या रणनीति होगी इस पर लोग कयासबाजी लगा रहे हैं। हमारे पत्रकार (काल्पनिक) रामभरोसे ने चुन्नु चाय वाले के यहां बरसाती पन्नी के नीचे खड़े लोगों से इस पर चर्चा की तो लोग गुस्से में भुनभनाने लगे। एक भाईसाहब ने तो इस पर बात करने से इनकार कर दिया, उनका कहना है कि जिस पानमसाले को उन्होंने मुंह में घुलाया है, उसकी कीमत पूरे पाकिस्तान से ज्यादा है।
बहरहाल पाकिस्तान में नए प्रधानमंत्री की तस्वीर साफ हो चुकी हैं। एंजेल प्रिया नाम वाली फेसबुक प्रोफाइलों में तो इमरान खान की डैशिंग फोटोज भी शेयर की जानी शुरू हो चुकी हैं। खैर ये तो वक्त बताएगा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बदल जाने से वहां के दिन बदलेंगे या नहीं लेकिन पूरे पाकिस्तान ने एक सुर में 'कप्तान मेरी जान' बोलकर यह तो तय कर दिया कि पाकिस्तान अब आतंकी देश का तमगा और बर्दाश्त नहीं करेेगा। लिहाजा इस बार ऐसी शख्सियत के हाथ में बाग डोरी सौंपी है जिसने वर्ल्ड कप जीताकर पूरे पाक को गौरांवित होने का मौका दिया था।
पाकिस्तान की आवाम का ये फैसला हाफिज सईद के लिए बड़ा दर्दनाक रहा। हाफिज सईद जैसे आतंकी इस सोच के साथ जी रहे थे कि पाकस्तानी जनता सिर्फ हिंदुस्तान के खिलाफ जहर उगलने से ही उसे अपना नेता मान लेगी। जनता ने हाफिज मियां की बातों को बड़ी गंभीरता से सुना। उसकी रैलियों में ट्रैक्टरों में भर-भर के पहुंचे। और पूरी बात सुनने के बाद वोट इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को वोट दे दिया ।
हाफिज के साथ ये चुनाव किसी मजाक से कम नहीं है। कल शाम तक वो सपना देख रहा था कि चुनाव जीतते ही अपने बेटे को प्रधानमंत्री बना देगा और सीधे नरेंद्र मोदी और शाह से आंख मिलाकर बात करेगा। लेकिन बात करने का तो छोड़िए उसे दुनिया के दिग्गज लोगों के व्हाट्सएप लोगों के ग्रुप में भी जगह नहीं मिल पाई।