विस्तार
95 प्रतिशत व्हाट्सएप चलाने वाले लोग किसी न किसी ग्रुप का एडमिन जरूर होते हैं। जैसे ही किसी ग्रुप में एडमिन की बेइज्जती वाले मैसेज आते हैं। अपने ग्रुप में फौरन वो डिफेंसिव मोड में आ जाता है। बेइज्जती होने से पहले एक औपचारिक चेतावनी जारी कर दी जाती है जैसे कि कोई फूहड़ मैसेज न भेजें, एक दूसरे के खिलाफ टिप्पणी न करें, मैसेज देखकर प्रतिक्रिया दें वगैरह वगैरह। कुछ एक लोग को मजबूरी वश किसी ग्रुप के एडमिन बने होते हैं लेकिन कुछ लोग व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन के पोस्ट को जिले के एसपी के बराबर समझते हैं। जब मन किया ग्रुप के अंदर और जब मन किया रिमूव करके आपको बाहर कर दिया।
अब सरकार ने जो नियम बनाए हैं उसने व्हाट्सएप ग्रुप एडमिन की जॉब को और जिम्मेदार और रिस्की बना दिया है। सरकार के नियमों को हल्के में लेने के चलते आपको जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है।
दरअसल हम आपको सचेत करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि कई बार दूसरों की गलती की वजह से आप फंस भी सकते हैं। मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के तालेन कस्बे में रहने वाले जुनैद कुछ इसी तरह फंस गए। बीएससी के छात्र जुनैद एक ग्रुप के एडमिन थे, वो पिछले 5 महीने से जेल में इसलिए बंद हैं क्योंकि वो जिस ग्रुप के एडमिन थे वहां कुछ अनैतिक हो रहा था। उन्हें आपत्तिजनक मैसेज फॉरवर्ड करने आरोप में गिरफ्तार किया गया था और पिछले 5 महीने से जेल में हैं।
जुनैद के परिवार का कहना है कि जिस वक्त ग्रुप में आपत्तिजनक मैसेज फॉरवर्ड किए जा रहे थे उस वक्त एडमिन ने ग्रुप छोड़ दिया। जिसके बाद जुनैद अपने आप ग्रुप एडमिन बन गए। पुलिस का कहना है कि किसी भी ग्रुप में अनैतिक चर्चा होती है तो उसकी जिम्मेदारी ग्रुप के एडमिन की होगी। जुनैद के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चल रहा है।
जैसे ही किसी ग्रुप में बेकाम की बातें हो रही हों चुप चाप कट लें। उसी ग्रुप का हिस्सा बनें जिसमें आप सबको जानते हों। और सबसे बड़ी बात बेकार और बिना तथ्यों वालों मैसेज को बिल्कुल भी शेयर न करें।