भारत में, अगर आपको सरकारी चपरासी की नौकरी के लिए आवेदन करना है तो कम से कम 10 वीं पास होना अनिवार्य है। मगर हैरानी की बात तो ये है कि जहां शिक्षित होने की सबसे अधिक आवश्यकता है वहां इतने कम पढ़े लिखे या बिलकुल ही अनपढ़ लोग बैठे हैं। जी हां, हम बात कर रहे देश को चलने वाले नताओं की जहां पुरे देश को चलाने के लिए किसी अधिक पढ़े लिखे व्यक्ति की जरुरत होती है भारत में तो मंत्री बनने के लिए इस तरह की कोई शैक्षिक शर्त नहीं है।यानि कोई भी मंत्री बन सकता है बशर्ते आपको अपनी बातों में उलझाने का हुनर आना चाहिए। आईये आज आपको बताते हैं की देश में वो कोण से नेता हैं जो 10 वीं तक भी नहीं पढ़ें हैं।
विष्णु देव साईं इस्पात और खान राज्य मंत्री हैं और छत्तीसगढ़ के रायगढ़ निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन्होने अपनी स्कूली शिक्षा 10 वीं कक्षा तक पूरी की है।
राबड़ी देवी जो तीन बार बिहार की मुख्यमंत्री के रूप में 08 साल तक बिहार पर राज कर चुकीं हैं , ने केवल 14 वर्ष की आयु तक पढ़ाई की है यानी राबड़ी देवी महज आठवीं पास हैं। उनकी शादी लालू प्रसाद यादव से हुई और बाकी, जैसा कि कहते हैं, बाकि सब इतिहास है।
तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और द्रमुक के अध्यक्ष, एम करुणानिधि 10 वीं कक्षा तक पढ़े उसके बाद तमिल फिल्म उद्योग में पटकथा लेखक बनने पर सारा ध्यान केंद्रित कर दिया था। फिर उनके वक्तृत्व कौशल ने उन्हें राजनीति में आगे बढ़ाया।
आंध्र प्रदेश के अनाकाप्पाले संसदीय क्षेत्र से टीडीपी के टिकट पर सोलहवीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए मुत्तामशेट्टी श्रीनिवास राव पूरी तरह से अनपढ़ हैं और इनके पास 22 करोड़ रुपये की संपत्ति है।