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जानवरों पर तो इंसान अक्सर सवार रहता ही है, लेकिन इस कहानी में एक ifs अफसर ने हाथी के बच्चे को कंधे पर बैठा लिया। इन्होंने असल में 'हाथी मेरे साथी' की मिसाल कायम की है।
ये कहानी तमिलनाडु की है जहां एक व्यक्ति वीरभद्र कालीअम्मन मंदिर मेटुटपालयम से ट्रैक्टर द्वारा थेकमपट्टी आ रहा था। तब उसने देखा कि एक मादा हाथी और उसके पीछे के झुण्ड ने रास्ता अवरुद्ध किया हुआ था। जब उसने हॉर्न बजाना शुरू किया तो झुण्ड ने उस पर हमला बोल दिया।
ग्रामीणों ने सूचना वन विभाग को दी और कर्मचारी तुरंत वहां आ गए। उन्होंने पटाखे छोड़ कर झुण्ड को वापस भेजा, तब उन्होंने देखा कि हाथी का एक बच्चा गड्ढे में फंस गया है और अपने मां से दूर हो गया है।
घंटों की मशक्कत के बाद हाथी को बाहर निकाला जा सका। उसके पैरों में चोट लगी थी और वह ठीक से चल नहीं पा रहा था।
एक अफसर ने उस हाथी को अपने कंधे पर उठा लिए और उसके झुण्ड से उसे मिलवा दिया। दो दिन तक उसकी विशेष देखभाल की गयी और उसके बाद वह और उसकी मां जंगल में वापस चले गए।
यह एक बेहद ही भावुक क्षण था।