दीपाली अग्रवाल, टीम फिरकी, नई दिल्ली
Updated Sat, 20 Jan 2018 04:00 PM IST
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आज का दौर वो है जहां अच्छी खबरें न के बराबर ही सुनने और पढ़ने को मिलती हैं। सब तरफ नकारात्मक खबरें ही बिखरी पड़ी हैं क्योंकि लोगों की संवेदनाएं मर चुकी हैं। समाज किसी का दुःख-दर्द समझना भूल चुका है और स्वार्थपरक हो चुका है। ऐसे में जब ऐसी खबरें कानों में पड़ती हैं जहां किसी ने किसी की मदद की तो इंसानियत में वापस विश्वास जागने लगता है। ऐसी ही एक खबर आयी है फैजाबाद से, जहां 100 साल की एक बुजुर्ग महिला की जिम्मेदारी वहां के डीएम ने ली है।
फैजाबाद के मुमताज नगर गांव की रहने वाली रमापति, जिनकी उम्र करीब 100 साल है , बेसहारा और गरीब हैं। किसी की सलाह पर अपने आई डी लेकर वह डीएम दफ्तर मदद लेने के लिए पहुंच गईं।
इन्तजार कर रहे लोगों की भीड़ में ठण्ड से कांपती रमापति पर डीएम अनिल कुमार पाठक की नजर पड़ी तो वह तुरंत उठ कर आये और उन्हें अन्दर ले जाकर उन्हें कुछ खिलाया पिलाया। इसके बाद इंसानियत और अपने पद की मिसाल पेश करते हुए डीएम ने उन बुजुर्ग महिला की देखभाल की सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली।
रमापति को सरकारी देखभाल तो मिलेगी ही साथ ही डीएम साहब उनकी व्यक्तिगत देखभाल करेंगे। उन्होंने रमापति के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर, वृद्धावस्था पेंशन और नजदीकी हॉस्पिटल में निर्देश भिजवाया ताकि डॉक्टर उनका नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण करें। इसके बाद उन्होंने कुछ नकद रुपये देकर उन्हें घर भेजा। इस सबसे रमापति की आंखें छलक आयीं।
अब इसे चाहें कहें कि रमापति को बेटा मिल गया या कह लें कि एक पिता मिल गया उनकी देखभाल के लिए।