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दिल्ली यूनिवर्सिटी के बच्चों के लिए आए दिन कोई न कोई नया निर्देश जारी हो ही जाता है। कभी सेमेस्टर सिस्टम लागू होता है तो कभी ग्रेजुएशन को चार साल का कर दिया जाता है। इसके साथ ही स्टूडेंट्स को अपने विषय के अलावा दूसरे कई अन्य विषय भी पढ़ने पड़ते हैं। अब यहां नए नियम के तहत पढ़ाई हो रही है। इस सिस्टम का नाम है सीबीसीएस यानी चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम। इसके अंतर्गत भी कई नए नियम लागू हुए हैं। कुछ समय पहले ही यह खबर आई थी कि दिल्ली विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में चेतन भगत का उपन्यास 'फाइव पॉइंट समवन' शामिल कर लिया गया है। इसे जेनरल एलेक्टिव पेपर के तौर पर शामिल किया गया था और सोशल मीडिया पर इस बात का बहुत मजाक उड़ाया गया था। लेकिन अब दिल्ली विश्वविद्यालय से एक नई खबर आई है।
अब अंग्रेजी साहित्य पढ़ने वाले बच्चों को फेसबुक पोस्ट लिखना सिखाया जाएगा। जी हां आपने सही सुना। यूनिवर्सिटी चाहती है कि इसे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए। अंग्रेजी डिपार्टमेंट ने इस बारे में उन सभी कॉलेजों के पास एक प्रपोजल भेजा है और उनसे इस बारे में उनकी राय मांगी है। इसमें भारी-भरकम लेखन ही शामिल नहीं है बल्कि इसमें स्टूडेंट्स को ब्लॉग, कवर लेटर और दूसरे फेसबुक पोस्ट लिखना भी सिखाया जाएगा।
ये सारी चीजें स्किल एनहैंसमेंट कोर्सेज (एसईसी) का हिस्सा होंगी। इस कोर्स का फाइनल फॉर्मेट सभी कॉलेजों से उनके सुझाव आने के बाद ही लिया जाएगा। इसकी डेडलाइन 1 मई रखी गई है। इसके बाद इसको लागू करने के लिए एकेडेमिक एंड एग्जीक्यूटिव काउंसिल के पास भेजा जाएगा।
आप ही सोचिए एक बेहतर फेसबुक पोस्ट क्या होता है इसे भला तय किया जा सकता है? आप भी तमाम लोगों को फॉलो करते होंगे, हो सकता है आपके दोस्त उस व्यक्ति को पसंद ना करते हों। ऐसे में एक आदर्श फेसबुक लेखन क्या है भला ये कैसे तय किया जा सकता है? लेकिन डीयू शायद स्क्रीनप्ले राइटिंग की तर्ज पर ही फेसबुक पर भी लिखने की सलाह देना चाहता है। क्या अब विश्वविद्यालय एक आदर्श सेल्फी लेकर उसे सही कैप्शन के साथ अपलोड करना भी सिखाएंगे?