Home Panchayat When Indian Helped Out Foreign Tourists

ये देश अभी भी अतिथि देवो भव पर विश्वास करता है

Apoorva Pandey/ firkee.in Updated Wed, 15 Mar 2017 02:03 PM IST
विज्ञापन
s
s - फोटो : google
विज्ञापन

विस्तार


अपराध के मामले में भारत का नाम विश्व में कई देशों से काफ़ी ऊपर आता है। इस देश की जनसंख्या ही इतनी अधिक है कि ये हर मामले में आगे रहता है। लोगों के पास जीवन की मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं और इसलिए इनमें कुछ अपराध के क्षेत्र में आगे बढ़ जाते हैं। लेकिन इससे भारत की छवि काफ़ी धूमिल होती है।

पर्यटन की नज़र से देखा जाए तो ये लोगों के लिए काफ़ी हानिकारक हो सकता है। कई विदेशी सैलानी यहां सिर्फ़ इसलिए नहीं आना चाहते क्योंकि उनके मन में भारत की बहुत बुरी छवि बनी हुई है। ये बात सच भी है कि कई लोग इस देश के मेहमानों के साथ अच्छे ढंग से पेश नहीं आते हैं। लेकिन आज भी भारत अतिथि देवो भव में विश्वास रखता है।
 


नोटबंदी के दौरान भारत में मौजूद विदेशी सैलानियों को काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। एक जोड़े को तो पैसे इकठ्ठा करने के लिए सड़कों पर परफॉर्म भी करना पड़ा। लेकिन इसी बीच कुछ विदेशी यहां से बहुत अच्छी यादें लेकर गए। लूसी प्लमर बताती हैं कि जब नोटबंदी हुई तो उनके पास केवल 100 रुपए थे। उनको गेस्ट हाउस का किराया भी देना था और अगले दिन फ्लाइट भी पकड़नी थी।

उन्होंने पूरे दिन एटीएम के चक्कर लगाए लेकिन उन्हें कोई सफलता हाथ नहीं लगी। वो अपने गेस्ट हाउस वापस पहुंची और शर्मिंदा होते हुए उन्होंने पूरी बात मालिक को बताई। थोड़ी देर बाद उनके दरवाज़े पर किसी ने दस्तक दी। दरवाज़े के पीछे उनके मालिक थे उन्होंने उनके हाथ में कुछ रुपए ज़बरदस्ती थमाते हुए कहा कि पैसे आते-जाते रहते हैं लेकिन उन्हें अपना खाना और फ्लाइट नहीं छोड़ने चाहिए।

लूसी कहती हैं कि उस दिन मेरा इंसानियत पर विश्वास कुछ बढ़ गया।
 

लूसी ने ऐसे कई और वाकये भी लोगों के साथ बांटे। एक टेलर ने एक फ्रेंच आदमी को एक सूट फ्री में देते हुए कहा कि वो जब चाहें पैसे दे सकते हैं इसके साथ ही उन्होंने उस आदमी को 2000 रुपए देने की पेशकश भी की। लूसी कहती हैं कि धन की कमी के दौरान उन्होंने मानवता का एक अलग रूप देखा।

इसी तरह जब एक बेकरी में एक महिला अपने इंटरनेशनल कार्ड से पैसे देने में विफल रही तो उस बेकरी के मालिक ने उससे बहुत प्यार से कहा कि वो बाद में आकर पेमेंट कर सकती है और ये नोटबंदी के बाद की बात है। ये सारी घटनाएं ये साबित करती हैं कि इस देश में अभी भी लोग मेहमानों का बहुत आदर करते हैं।

भारत में विदेशी पर्यटकों का खासतौर पर ख़याल रखा जाता है। लोग कोशिश करते हैं कि उन्हें किसी तरह की तकलीफ़ पेश न आए। हां भारत में कुछ लोग ऐसे ज़रूर हैं जो इस देश की छवि को धूमिल करते हैं और उनके लिए आमिर खान को विज्ञापन करना पड़ता है, लेकिन अधिकतर लोग अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी समझते हैं।

भले ही लोग अब धीरे-धीरे एक दूसरे से दूर जा रहे हों लेकिन उनमें अभी भी भारतीय संस्कृति के कुछ मूल तत्व बचे हुए हैं।
 

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree