Apoorva Pandey/ firkee.in
Updated Tue, 03 Jan 2017 12:14 PM IST
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2016 के रहस्य
- फोटो : google
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विस्तार
2016 बीत चुका है लेकिन बीते वर्ष ऐसी बहुत सी घटनाएं घटी हैं जो कि गुत्थी बनकर अभी भी हमारे बीच मौजूद हैं। ये ऐसी घटनाएं हैं जिनका जवाब किसी के पास नहीं है। वैज्ञानिक भी इन सवालों का जवाब ढूंढने में नाकाम रहे हैं।
आज पढ़िए 2016 के ऐसे ही 7 रहस्यों के बारे में जिनका सुलझना अभी बाकी है।
मई 2016 में कज़ाकिस्तान में लुप्तप्राय जीव एंटिलोप अचानक ही मरने लगे। यूएन की रिपोर्ट के अनुसार मई महीने के अंत तक यहां करीब 120000 एंटिलोप्स की मौत हो गई। वैसे वैज्ञानिक 2 तरह के बैक्टीरिया को इस घटना का कारण बता रहे हैं लेकिन अभी तक इसका असली कारण सामने नहीं आ पाया है।
मलेशियन एयरलाइन्स का हवाई जहाज़ एम एच 370 मार्च में अचानक ही जैसे हवा से गायब हो गया। ये विमान 2014 में करीब 239 लोगों को लेकर गायब हो गया। इसका मलबा अभी तक नहीं मिला है और न ही ये पता चल सका है कि इस विमान के साथ असल में हुआ क्या था। ये इस दशक का सबसे बड़ा रहस्य है जिसका अभी तक पता लगाया जा रहा है।
यूएसए के क्लिफ्टन पार्क इलाके में 2 लोगों ने रहस्यमई क्लाउन/जोकर के दिखने की रिपोर्ट दर्ज कराई। एलिसा नाम की एक महिला ने बताया कि उसने ऐसे ही एक डरावने क्लाउन को अपने अपार्टमेंट काम्प्लेक्स के लौंड्री के आस-पास मंडराते हुए देखा है। पुलिस ने काफ़ी तहकीकात की लेकिन उन्हें कोई सुराग नहीं मिला। कुछ का मानना है कि ये लोगों के मन का वहम मात्र हो सकता है।
कज़ाकिस्तान के सुदूर इलाकों में एक बड़े स्वास्तिक जैसा एक पैटर्न नज़र आया। गूगल अर्थ में भी ये तस्वीरें कैद हैं। ये कई बड़े-बड़े ख़ास तरह की आकृतियों से मिलकर बना है। वैज्ञानिकों को अभी तक इस बात का पता नहीं लग पाया है कि आखिर ये क्या हैं? इन्हें किसने बनाया है? या फिर ये खुद ही बन गया है।
जापान के उत्तर पश्चिमी समुद्री किनारों पर सड़ती हुई लाशों से भरी हुई नाव पाई गईं। 2015 में यहां करीब 30 ऐसी नाव मिली थीं। इससे पहले के सालों में भी काफ़ी संख्या में इस तरह की लाशों से भरी नाव जापान के तट पर आई थीं। इनकी संख्या 80 के करीब थी। कुछ लोगों का मानना है कि ये नॉर्थ कोरिया का काम हो सकता है क्योंकि इन नावों से कोरिया के ध्वज से मिलने वाला टुकड़ा मिला था। लेकिन इस बात को दावे के साथ नहीं कहा जा सकता है।
ये बात पक्की नहीं है लेकिन ऐसा कहा गया कि शनि के बर्फ़ीले मून Enceladus पर जीवन की संभावना हो सकती है। ये ग्रह पूरी तरह से हाइड्रोजन और हीलियम से बना हुआ है। इसके निचले हिस्से में थोड़ी बर्फ़ पाई गई है और यही कारण है कि साइंटिस्टों को ऐसा लगता है कि यहां जीवन हो सकता है।
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