ये बात हम सबको पता है कि किसी भी चीज़ का एडिक्ट हो जाना बिलकुल भी अच्छी बात नहीं है। पर हर किसी को किसी न किसी चीज़ का एडिक्शन हो ही जाता है। इनमें से कुछ को तो आप फिर भी झेल सकते हैं पर कुछ एडिक्शन ऐसे होते हैं जो आपके लिए बहुत हानिकारक साबित हो सकते हैं। पोर्नोग्राफी का एडिक्शन कई लोगों में पाया जाता है और ये एडिक्शन दिमाग और शरीर पर बहुत गहरा असर डालता है। यहां हम पोर्न देखना चाहिए या नहीं देखना चाहिए पर बात नहीं कर रहे हैं पर इतना ज़रूर है कि अधिक मात्रा में इसे कंज्यूम करना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। आज हम आपको इसके 9 साइड इफ़ेक्ट के बारे में बताने जा रहे हैं।
2. लोग जैसा पोर्न फ़िल्मों में देखते हैं, वैसी ही रिलेशनशिप वो अपनी ज़िंदगी में चाहने लगते हैं जो कि संभव नहीं होता क्योंकि जो पोर्न में दिखाया जाता है वो असली नहीं होता। ऐसे में लोगों में अपनी रिलेशनशिप को लेकर संतुष्टि का भाव कम होने लगता है और वो डिप्रेशन में भी चले जाते हैं। वो लोगों से खुद को कटा हुआ महसूस करने लगते हैं।
3. स्टडीज़ ये बताती हैं कि किसी भी चीज़ का एडिक्शन ब्रेन साइकिल को प्रभावित करता है। ऐसा हर तरह के एडिक्शन के साथ होता है फिर चाहे वो अल्कोहल, ड्रग्स या फिर पोर्नोग्राफी का एडिक्शन क्यों न हो। एक पोर्नोग्राफ़ी एडिक्ट ख़ुद अपनी विल पॉवर का इस्तेमाल करके इस आदत से छुटकारा नहीं पा सकता। उसको उन सभी स्थितियों से गुज़ारना पड़ता है, जिस इलाज से होकर एक drug एडिक्ट गुज़रता है।
4. अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन के बुरे दौर से निबटने के लिए पोर्नोग्राफी का सहारा लेता है तो ये उसके लिए और भी बुरी स्थिति तैयार करता है। होता ये है कि इंसान अपने जीवन के खालीपन, असफ़लता, गुस्सा आदि को भुलाने के लिए पोर्न देखता है और इससे सेक्सुअली अराउज़ होकर असली स्थिति से दूर भागने की कोशिश करता है पर इसके बाद वो वाकये जिन्हें वो भुलाने की कोशिश कर रहा होता है, वो उसे और बुरी तरह परेशान करने लगते हैं।
5. असल में लोग जब पोर्न देखना शुरू करते हैं तो वो कुछ ऐसा सोचते हैं "I love the rush I feel," "This is my favorite pastime," "I feel lonely," "This is my reward to myself for making it through a rough day..." पर इसके बाद इसका बिल्कुल उल्टा हो जाता है और इंसान एक बुरी मानसिक स्थिति से होकर गुज़रने लगता है "I no longer feel an emotional response to anything," "There is nothing in my life I enjoy doing," "I feel totally isolated from the world," "My anxiety and stress levels are at an all-time high..."
6. पोर्नोग्राफी का अत्यधिक उपभोग करके हम सेक्स को प्यार और इंटिमेसी का पर्याय मानने लगते हैं। इसके बाद सेक्स दो लोगों के बीच के रिश्ते को मज़बूत करने का काम करने के बजाए एक वस्तु के रूप में देखने लगते हैं और साथ ही इसका इमोशन से कोई मतलब नहीं रह जाता।
7. इसके अत्यधिक प्रयोग के बाद इंसान को इसकी इतनी बुरी आदत हो जाती है कि व्यक्ति इसके बगैर नहीं रह पाता। इसके बाद उसे हर समय वही चाहिए होता है। ऐसे में होता ये है कि पोर्न का असर आपके जीवन पर इतनी बुरी तरह से पड़ने लगता है कि उससे आपका काम और निजी जीवन प्रभावित होने लगता है और आपको इसके अलावा और कुछ नहीं सूझता।
8. इसके एडिक्शन के बाद हमें उन बातों की आदत पड़ जाती है जिन्हें एक समय पर हम खुद सही नहीं मानते थे। हम वो सब करना चाहते हैं जो हम पोर्न में देखते हैं जो कि शायद संभव नहीं है। देखने वाले को ये बात समझ में ही नहीं आती कि असल में इन वीडियो में एक्टिंग अधिक की जाती है। आप अपने पार्टनर से वो सब एक्स्पेक्ट करने लगते हैं जो असल में सच नहीं है।
9. अत्यधिक पोर्न देखने पर व्यक्ति सेल्फिश हो जाता है। वो सिर्फ़ अपने और अपनी संतुष्टि के बारे में सोचना शुरू कर देता है। लोग अपने पार्टनर्स को परेशान करना शुरू कर देते हैं और पोर्न के एक ख़ास प्रकार से महिलाओं के प्रति हिंसा को बढ़ावा मिलता है।