Home Panchayat American Company Put Chips In Employee S Body What Will Happen If Indian Company Try This Method

अमेरिकी कंपनी लगा रही कर्मचारियों के शरीर में चिप, अगर भारत में ऐसा हो तो क्या होगा?

Updated Tue, 01 Aug 2017 07:47 PM IST
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American company put chips in employee's body what will happen if indian company try this method
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बधाई हो, आपका फाइनल सेलेक्शन हो गया, अब आप लेट जाइए… आपके शरीर में ये चिप लगाई जाएगी। हैं…!

सोचिए कैसा लगेगा जब आप ज्वाइनिंग के लिए नए ऑफिस पहुंचते हैं, नई उमंग और नई तरंग की लहरें अंदर ही अंदर हिलोरें मार रही होती हैं, नए ऑफिस का माहौल देखकर सीना चौड़ा महसूस होता है, पुराने ऑफिस वालों के लिए ‘बेचारे’ वाली फीलींग आ रही होता है... कि तभी एच.आर आपके सारे डॉक्यूमेंट्स लेकर कहने लगे कि लेट जाइए… अब आपकी ज्वाइनिंग कराई जाएगी। इस इमैजिनेशन को पढ़कर बहुत सारे लोगों के माथे पर पसीना आ गया होगा तो कुछ खुराफातियों के चेहरें पर मुस्कान भी तैर गई होगी। 

ये सारा आईडिया अमेरिका की एक कंपनी के क्रिएटिवीटी के चक्कर में उपजा। वहां विस्कॉनसिन नाम की कंपनी अपने यहां काम करने वाले 50 कर्मचारियों के शरीर में एक चिप फिट कर रही है। चावल के दाने के आकार की चिप लगाने की बात हो रही है।

ये चिप आईडेंटटी कार्ड की तरह काम करेगी। 

अब जब कल्पना की उड़ान भर ही ली है तो जरा एक बार ये भी सोचिए कि तब क्या होगा जब भारतीय कंपनियों में भी ये चिप लगाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। काम करने वाले तो वैसे भी पिसते हैं लेकिन काम नहीं करने वालों की सेहत पर इस चिप का क्या असर होगा आगे की स्लाइड में ये भी जान लें।


मक्कार और वफादार: चिप लगाने से इन प्रजाति के कर्मचारियों की सेहत पर तिल के बराबर भी फर्क नहीं पड़ेगा। क्योंकि इनके सिर पर बॉस की कृपा बरसती रहती है। फिर चाहे चिप लगा लो या फिर शरीर के अंदर से खून बाहर निकाल लो, बॉस के केबिन में जाकर ये एक्सट्रा चीज लगाकर अपने लिए फिक्स स्पेस बना आएंगे। उनके निकलने के ठीक बाद आपके लिए आवाज आएगी और नई जिम्मेदारी का बोझा आपके सिर पर धर दिया जाएगा। 

जुगाड़बाज:  इस प्रजाति के कर्मचारियों की ज्वाइनिंग ही ब्रेक द रूल्स के लिए होती है। ये सारे नियमों को सिर्फ पढ़ते भर हैं। उसके बाद इनका प्रिंट आउट निकाल कर किनारे चिपका देते हैं। चिप क्या, अगर इनके शरीर में रॉकेट भी लगा दिया जाए तो भी ये ऑफिस में न तो काम करेंगे और न ही कामचोर कहलाएंगे। एक आध बार बेस्ट एंप्लॉई ऑफ द मंथ का अवॉर्ड न पा जाए, बस ये देखते रहिए। 

कामचोर: इस प्रजाति वाले लोगों पर भी खास असर नहीं पड़ेगा। ये पहले की तरह अब भी कुर्सी पर पसरे मिलेंगे। काम नहीं करने के नायाब बहाने इनके पास रेडी टू यूज मिलेंगे और सबसे बड़ी बात आप चिप लगाओ या चबूतरा… 'काम नहीं करने' के प्रण से इन्हें टस से मस नहीं किया जा पाएगा। 

वैसे तो घबड़ाने की बात नहीं है, ये एक महंगा प्रॉसेस है, एक चिप का खर्चा करीब 20 हजार रुपये तक आएगा, इसलिए उम्मीद कम है कि इतने जल्दी भारतीय कंपनियां इनका इस्तेमाल करेंगी। बस डर इस बात का है कि कहीं... खुदा न खास्ता ! चाइना वाले इसकी कॉपी बनानी शुरू न कर दें, नहीं तो 100-50 रुपये में ये चिप किराना की दुकानों पर मिलने लगेगी, और टुच्ची सी टुच्ची कंपनियां इसका इस्तेमाल करने लगेंगीं। 

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