एक मिडिल क्लास परिवार में बिजली का बिल हजार-दो हजार से ऊपर चला जाए तो अगले महीने पूरे घर की लाइट बंद ही रहती है, लेकिन क्या हो जब कोई परिवार बिना बिजली के ही अपना गुजारा कर ले वो भी तमाम सुख-सुविधाएं लेकर? अब आपके मन में सवाल तो जरूर उठा होगा कि भइया ऐसा कैसे हो सकता है।
ये बात तो हम सभी जानते है कि देश में तमाम तरह की संस्थाएं उर्जा संरक्षण को लेकर बहस कर रही है,सस्टेनेबल एनर्जी को लेकर तमाम विकल्प तलाशे जा रहे हैं, लेकिन बिना आमजन की भागीदारी के बिना यह किसी भी हाल में संभव नहीं है।
इसी कड़ी में महाराष्ट्र के जे. बिजेंद्र का परिवार हमारे लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह फैमिली बीते सात साल से बिना बिजली के ही अपना गुजारा कर रही है और बिजेंद्र का परिवार पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर निर्भर है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बिजेंद्र का परिवार घुमंतू है यानी इनका बसेरा दिन के साथ बदलता रहता है। यह परिवार किसी भी जगह पर 10 दिन से ज्यादा नहीं ठहरता। फिलहाल इस परिवार ने अपना बसेरा सलेम-कोच्चि हाईवे पर बना अपना डेरा डाला है।
इस परिवीर के सदस्य जगह-जगह घूम-घूमकर आयुर्वेदिक दवाइयां बेचता हैं और उन्होंने अपना आशियाना एक टेंट को ही बना रखा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि बिजेंद्र के टेंट में टीवी, इंडक्शन स्टोव, मोबाइल फोन और ऐसी हर जरूरत का समान मौजूद है और इनकी फैमिली बिजली की बजाय सौर ऊर्जा पर निर्भर है।
बिजेंद्र ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि हम एक जगह से दूसरी जगह घूमते रहते हैं। ऐसे में हर जगह बिजली की उपलब्धता हो जाए, यह जरूरी नहीं है। यह हमारे के लिए एक चैलेंज की तरह था। बिजेंद्र बताते हैं कि उन्होंने 7 साल पहले सोलर पैनल खरीदा था, तब से यह फैमिली अपनी जरूरतों को सौर ऊर्जा से पूरी कर रही है।
37 साल के बिजेंद्र कहते है कि एक दिन की सूर्य रोशनी ही 24 घंटों तक हमारे लिए ऊर्जा की जरूरतों को पूरा कर देती है। हालांकि, जब मौसम खराब रहता है, बारिश होती है या आसमान में बादल होते हैं तब ऊर्जा की कमी हो जाती है।