भारत में कई ऐसे लोग हैं, जिनका शौक है चुनाव लड़ना। उनको इससे कोई मतलब नहीं होता कि वो हार रहे हैं या जीत रहे हैं। ऐसे ही एक शख्स हैं राजस्थान के रहने वाले तीतर सिंह, जो लगातार 28 बार चुनाव हार चुके हैं, लेकिन हौसला नहीं हारे हैं।
श्रीगंगानगर के रहने वाले तीतर सिंह एक बार फिर लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वह 3 बार वार्ड पंच, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, 10 बार विधानसभा चुनाव और 8 बार लोकसभा चुनाव हार चुके हैं। इस बार लोकसभा का 9वीं बार चुनाव लड़ रहे हैं।
72 वर्षीय तीतर सिंह मनरेगा श्रमिक हैं। इस बार वो महज एक हजार रुपये कैश के साथ चुनाव लड़ रहे हैं। उनके पास न तो बैंकों में कैश जमा है और न ही कहीं निवेश किया है। उनके पास कोई वाहन भी नहीं है।
तीतर सिंह चुनाव प्रचार के लिए साइकिल का इस्तेमाल करते हैं। इसकी वजह से वो इलाके में काफी चर्चित भी हैं। उन्होंने साल 2018 में श्रीकरणपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
हालांकि भारत में सबसे ज्यादा बार चुनाव हारने का रिकॉर्ड काका जोगिंदर सिंह के नाम दर्ज है। उन्हें राजनीति में 'धरती पकड़' ने नाम से भी जाना जाता है। वह 300 से ज्यादा बार चुनाव हारे थे।