आज के समय में भी दुनिया में कई ऐसी चमत्कारी चीजें मौजूद हैं, जिनके बारे में लोगों ने केवल किस्से और कहानियां ही सुनी है। ऐसा ही एक चमत्कारी चीज है पारस पत्थर, जिसके बारे में आपने कई कहानियां सुनी होंगी, लेकिन आज तक इस पत्थर को कोई नहीं ढूंढ़ पाया है।
आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि एक किले में इसके होने का दावा किया जाता है। यही वजह है कि हर साल किले में लोग खुदाई करने पहुंच जाते हैं। परस पत्थर के बारे में कहा जाता है कि ये वो पत्थर है जिसे छूते ही लोहा भी सोना बन जाता है।
माना जाता है कि भोपाल से 50 किलोमीटर दूर रायसेन के किले में यह पत्थर मौजूद है। कहा जाता है कि इस किले के राजा के पास पारस पत्थर मौजूद था। कहा जाता है कि इस पत्थर के लिए कई बार युद्ध हुए, लेकिन जब इस किले के राजा को लगा कि वह युद्ध हार जाएंगे तो उन्होंने पारस पत्थर को किले में मौजूद तालाब के अंदर फेंक दिया।
राजा ने ये किसी को नहीं बताया कि पारस पत्थर को कहां छुपाया है। बाद में युद्ध के दौरान उनकी मृत्यु हो गई और देखते ही देखते ये किला भी वीरान हो गया। कई राजाओं ने किले को खुदवाकर पारस पत्थर को खोजने की कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।
आज भी लोग यहां रात के समय पारस पत्थर की तलाश में तांत्रिकों को अपने साथ लेकर जाते हैं, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। इस किले और पारस पत्थर को लेकर ये कहानी भी प्रचलित है कि यहां पत्थर को ढूंढ़ने आने वाले कई लोग अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं, क्योंकि पारस पत्थर की रक्षा एक जिन्न करता है।
हालांकि, पुरातत्व विभाग को अब तक ऐसा कोई भी सबूत नहीं मिला है, जिससे पता चले कि पारस पत्थर इसी किले में मौजूद है, लेकिन कही सुनी कहानियों की वजह से लोग चोरी छिपे यहां पारस पत्थर की तलाश में पहुंचते हैं।