इतिहास के पन्ने ऐसे कई शासकों के किस्सों से भरे पड़े हैं, जो दुनिया के सबसे क्रूर शासक माने जाते हैं। ऐसा ही एक शासक था महमूद गजनवी, जो अपनी क्रूरता के कारण पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। महमूद गजनवी इकलौता ऐसा शासक था, जिसने भारत पर सबसे ज्यादा बार यानी 17 बार आक्रमण किया था और यहां से भारी मात्रा में धन-संपत्ति लूटकर अपने देश गजनी ले गया था।
महमूद गजनवी सन् 971 से 1030 ईस्वी तक गजनी का शासक था। कहा जाता है कि उसने हर साल भारत पर आक्रमण करने की प्रतिज्ञा की थी, क्योंकि वो बचपन से ही भारतवर्ष की अपार समृद्धि और धन-दौलत के विषय में सुनता रहा था। उसके पिता सुबुक्तगीन ने एक बार हिंदू शाही राजा जयपाल के राज्य को लूट कर अपार संपत्ति अर्जित की थी और महमूद गजनवी भी भारत की दौलत को लूटकर मालामाल होने के सपने देखा करता था।
गजनवी ने पहली बार भारत पर सन् 1001 ईस्वी में हिंदू शासक जयपाल के राज्य पर हमला किया था। इस हमले में राजा जयपाल पराजित हुए थे, जिसके बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली थी। गजनवी ने सन् 1001 से 1026 ईस्वी तक बुंदेलखंड, किरात, लोहकोट, ग्वालियर, कालिंजर, लोदोर्ग (जैसलमेर), चिकलोदर (गुजरात) और अन्हिलवाड़ (गुजरात) पर आक्रमण कर वहां खूब लूटपाट की थी।
माना जाता है कि महमूद गजनवी ने अपना 16वां आक्रमण सन् 1025 ई. में सोमनाथ पर किया था। उसने वहां के प्रसिद्ध मंदिरों को तोड़कर तहस-नहस कर दिया और अपार धन-संपत्ति लूटकर गजनी ले गया था। यह उसके सबसे क्रूर हमलों में से एक था। कहा जाता है कि इस मंदिर को लूटते समय तीन दिन तक गजनवी की सेना और हिंदू राजपूतों के बीच लड़ाई चली थी, जिसमें गजनवी ने करीब 50,000 ब्राह्मणों और हिंदुओं को मौत के घाट उतार दिया था।
कहा जाता है कि महमूद गजनवी समलैंगिक था। उसके अपने गुलाम मलिक अयाज़ के साथ संबंध थे, जिसका जिक्र फारसी काव्य में मिलता है। गजनवी की मौत सन् 1030 ई. में मलेरिया के कारण हो गई थी। माना जाता है कि वो पहला ऐसा शासक था, जिसे सुल्तान की उपाधि दी गई थी।