Home Science A Very Rare Crab Found In America With Characteristics Of Both Male And Female

15 साल में पहली बार मिला ये दुर्लभ जीव, आधा नर है और आधा मादा

टीम फिरकी, नई दिल्ली Published by: संकल्प सिंह Updated Fri, 04 Jun 2021 03:31 PM IST
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अमेरिका में मिला दुर्लभ केकड़ा
अमेरिका में मिला दुर्लभ केकड़ा - फोटो : Social media
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हमारी प्रकृति में ऐसे कई दुर्लभ जीव हैं, जो अब विलुप्ती की कगार पर हैं। इस कारण इन प्रजाति के जीवों को विशेष प्रकार का संरक्षण दिया जा रहा है। अक्सर ये भी देखने को मिलता है कि खोजबीन के दौरान वैज्ञानिकों को कई दुर्लभ जीव मिलते हैं, जिनके भीतर कई असमान्य बदलाव को देखा जाता है। इसी कड़ी में एक अजीबोगरीब जीव अमेरिका के वैज्ञानिकों के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है। बाल्टीमोर शहर के मैरीलैंड साइंस म्यूजियम में एक नीले रंग के केकड़े को संभाल कर रखा गया है। इस केकड़े की खास बात ये है कि ये आधा नर है और आधा मादा। केकड़े की यही खास बात दुनिया भर के कई वैज्ञानिकों का ध्यान इसकी ओर आकर्षित कर रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि शायद प्रजनन के दौरान हो रही जेनेटिक प्रूफिंग में हुई गलती से ऐसा हुआ होगा। इसी गलती के चलते इस केकड़े के अंदर आधे नर और आधे मादा वाले गुण विकसित हुए होंगे।
ये केकड़ा एक दुर्लभ कंडीशन से गुजर रहा है, जिसे द्विपक्षीय ग्येनड्रोमॉर्फी कहा जाता है। इस खास तरह की कंडीशन में जीवों के अंदर नर और मादा के गुण विकसित हो जाते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस केकड़े का आकार लगभग साढ़े चार इंच लंबा है और इसे मैरीलैंड के एक वाटर मैन जैरी स्मिथ ने ढूंढा था। ठीक ऐसे ही केकड़े को स्मिथ ने 1979 में भी ढूंढा था।
नर केकड़ों के नीले पंजे होते हैं और मादा केकड़ों के लाल पंजे। वहीं इस दुर्लभ केकड़े के नीले और लाल दोनों ही रंग के पंजे हैं। इस अनोखी चीज को देखकर शोधकर्ता भी काफी हैरान हैं। इस दुर्लभ केकड़े को 70 गैलन के एक खास तरह के टैंक में रखा गया है।
एक बातचीत में डेलमार्वा डिस्कवरी म्यूजियम के पशुपालन विशेषज्ञ ने बताया कि द्विपक्षीय गाइनेंड्रोमॉर्फी जैसी स्थिति किसी भी जीव के शुरुआती दौर में आती है। आगे उन्होंने बताया कि पैदा होने के बाद किसी भी जीव में 8 से 64 कोशिकाएं होती हैं। उसी दौरान ये कंडीशन विकसित होता है। ऐसा कोशिकाओं में होने वाली असमानता के चलते होता है।
रिपोर्ट्स की मानें तो वर्जीनिया इंस्टीट्यूट ऑफ मरीन साइंस के समुद्री जीव वैज्ञानिक इस दुर्लभ केकड़े पर शोध कर रहें हैं। ये वैज्ञानिक उसके यौन विकास और आनुवांशिक स्थिति को समझने की कोशिश कर रहें हैं।
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